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SUPREME COURT - मालिक कहेगा तो खाली करना होगा मकान, प्रॉपर्टी पर दावा नहीं कर सकता केयरटेकर
Paliwalwaniसुप्रीम कोर्ट ने प्रॉपर्टी को लेकर केयरटेकर के दावे के संबंध में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एक केयरटेकर / नौकर अपने लंबे समय तक कब्जे के बावजूद संपत्ति पर कभी दावा नहीं कर सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि जब मकान मालिक कहेगा तो उसे (केयरटेकर या नौकर को) मकान या प्रॉपर्टी को खाली करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया।
निचली अदालत और हाईकोर्ट ने मकान मालिक की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने उस याचिका पर आगे कार्यवाही करने से मना किया था जिसमें केयरटेकर ने खुद को संपत्ति परिसर से खाली नहीं करने की गुहार लगाई थी। ट्रायल जज ने इस आधार पर आवेदन को खारिज कर दिया था कि ये विवाद की विषय-वस्तु है। इसकी जांच केवल मालिक के कहने पर लिखित बयान दर्ज किए जाने के बाद ही की जा सकती है। निचली अदालत ने कहा था कि यह आदेश VII नियम 11, सिविल प्रक्रिया संहिता के दायरे में नहीं है। हाईकोर्ट ने भी निचली अदालत के उस आदेश की पुष्टि की थी। सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 (डी) में प्रावधान है कि वादपत्र में दिया गया बयान किसी भी कानून द्वारा वर्जित लगता है तो वाद खारिज कर दिया जाएगा।
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निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए जस्टिस अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में साफ तौर पर गलती की है। जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि केयरटेकर/नौकर अपने लंबे कब्जे के बावजूद संपत्ति में कभी भी अधिकार हासिल नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि जहां तक प्रतिकूल कब्जे की दलील का संबंध है, केयरटेकर/नौकर को मालिक के कहने पर तुरंत कब्जा देना होगा।