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4 करोड़ की लालच में महिला ने खौफनाक वारदात को दिया अंजाम, अपनी साल बेटी के साथ मिल कर चाची और भाई को जिन्दा जलाया

Paliwalwani
4 करोड़ की लालच में महिला ने खौफनाक वारदात को दिया अंजाम, अपनी साल बेटी के साथ मिल कर चाची और भाई को जिन्दा जलाया
4 करोड़ की लालच में महिला ने खौफनाक वारदात को दिया अंजाम, अपनी साल बेटी के साथ मिल कर चाची और भाई को जिन्दा जलाया

पटना में संपत्ति के विवाद में खौफनाक वारदात को अंजाम दिया गया है। करीब चार करोड़ के लिए मां-बेटे को कमरे में बंद कर जिंदा जला दिया गया। भतीजी ने ही वारदात को अंजाम दिया। सनसनीखेज घटना को अंजाम देने वाली युवती को लोगों को पकड़कर पीटाई की और पुलिस को सौंप दिया है। घटना नौबतपुर के कर्णपुरा गांव में हुई। पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है। महिला के पति की दस साल पहले मौत हो चुकी है। संपत्ति के लिये कई दिनों से विवाद चल रहा था।

मरने वालों की पहचान शांति देवी (70 वर्ष) और उनका गोद लिया हुआ बेटा अविनाश कुमार (12 वर्ष) के रूप में हुई है। बताया जाता है कि पैसा मांगने पहुंची भतीजी माधुरी देवी (32 वर्ष) को जब रुपए नहीं मिले तो उसने केरोसिन छिड़क कर जला डाला। आग लगने से तड़पते मां और बेटा जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे। इस दौरान माधुरी ने उनको एक कमरे में बंद कर दिया। वहां उनकी जलकर मौत हो गई। कमरे में सिर्फ राख मिली। आग की लपट और गंदे महक पर गांव के लोग वहां जमा हो गए और आक्रोशित लोगों ने भतीजी की जमकर पिटाई शुरू कर दी।

गांव के लोगों ने इसकी सूचना नौबतपुर थाने को दी। सूचना मिलते ही नौबतपुर थाने की पुलिस ने भतीजी माधुरी देवी को लोगों के बीच से निकालकर अपनी गिरफ्त में ले लिया है। पुलिस ने महिला शांति देवी एवं उनके बेटे अविनाश कुमार के शव को घर से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बताया जाता है कि शांति देवी के पति लाल दास तीन भाई थे। तीनों भाइयों में (लाल बहादुर, गुहारी दास एवं लाल दास) से किसी को कोई बेटा नहीं था। लाल दास अग्निशमन दस्ते से सेवानिवृत्त होने के बाद 1 वर्ष पूर्व उनकी मृत्यु हो चुकी है। घर में कोई बेटा नहीं रहने के कारण लाल दास ने लगभग 12 वर्ष पूर्व अनाथ आश्रम से अविनाश कुमार को गोद लेकर अपने घर ले आए थे।

लाल दास की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी शांति देवी बेटे अविनाश कुमार को अपने पूरे परिवार का वारिस समझते थे। यह बात लाल बहादुर की बेटी माधुरी देवी को खटकने लगा था। माधुरी देवी की शादी मसौढ़ी में हुई थी और उनके चार बच्चे हैं। माधुरी देवी के पति रविंद्र पासवान बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत है।

परिवार के लोगों ने बताया कि अभी कुछ दिन पूर्व शांति देवी ने अपने गोद लिए बेटे अविनाश कुमार की शादी बिहटा के राघोपुर में सेट कर दिया था। अविनाश कुमार की शादी सेट होने की बात से माधुरी देवी काफी खफा थी और वह जानती थी कि अविनाश के रहते शांति देवी के प्रॉपर्टी में उसको हिस्सा नहीं मिल सकता है।

गांव के लोगों ने बताया कि अभी लगभग 10 दिन पूर्व शांति देवी का एक प्रॉपर्टी बिकी थी। इसमें उन्हें लगभग 4 करोड़ रुपए मिले थे। पैसे को लेकर माधुरी देवी शांति देवी से उसमें हिस्सा चाह रही थी। इस बात को लेकर शांति देवी और माधुरी देवी के बीच कई बार विवाद भी हुआ। माधुरी देवी का यह मानना था कि शांति देवी का बेटा अविनाश कुमार गोद लिया बच्चा है, इसलिए वह उनके प्रॉपर्टी का वारिस नहीं बन सकता है। पूरे प्रॉपर्टी का मालिक माधुरी देवी खुद बनना चाह रही थी।

ऐसे में जब शांति देवी ने इसका विरोध किया तो गुस्सा में आकर माधुरी देवी ने अपनी चाची शांति देवी और उनके गोद लिए बेटे अविनाश कुमार को गुरुवार की अहले सुबह कमरे में बंद करके तेल छिड़ककर आग लगा दी। नौबतपुर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए माधुरी देवी एवं उनकी बेटी सुधा कुमारी लगभग 16 वर्ष को गिरफ्तार कर थाना ले आई है।

पुलिस का यह मानना है कि माधुरी देवी ने ही शांति देवी और उनके गोद लिए पुत्र अविनाश कुमार की जलाकर हत्या कर डाली है। इस मामले में सुधा कुमारी ने भी साथ दिया है। सब कुछ जानते हुए भी माधुरी देवी की बेटी सुधा कुमारी ने अपनी मां की इस करतूत को रोकने का प्रयास नहीं किया। जिसे लेकर पुलिस भी सुधा कुमारी को इस हत्या मामले में अभियुक्त बना सकती है। गांव के लोगों ने यह भी बताया कि माधुरी देवी के तीन बेटों में सोनू कुमार, मोनू कुमार एवं सनी कुमार ने भी अपनी मां का साथ दिया और घटना के बाद घटना को अंजाम देकर फरार हो गए।

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