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ऑपरेशन लोटस का डर : झारखंड में झामुमो और कांग्रेस विधायकों के साथ CM सोरेन खूंटी के लिए रवाना
Paliwalwaniझारखंड. लाभ के पद के मामले में झारखंड सीएम हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर लटकी तलवार के बीच राज्य में ऑपरेशन लोटस का खरता मंडरा रहा है। इससे बचने के लिए झारखंड महागठबंधन के विधायकों ने बोरिया-बिस्तर बांध लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर बुलाई गई बैठक से महागठबंधन विधायकों को लेकर तीन बसें निकल गई है। बताया जा रहा है सभी बसें विधायकों को लेकर खूंटी रवाना हो रही हैं।
सरकार गिराने की किसी भी साजिश को फेल करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन भी विधायकों के साथ ही है। विधायकों के साथ हेमंत सोरेन के बस के अंदर की एक तस्वीर भी सामने आई है। जिसमें कांग्रेस और झामुमो विधायकों के साथ सीएम हेमंत सोरेन भी नजर आ रहे हैं। जानकारी के अनुसार बस में कांग्रेस और JMM के 36 विधायक सवार हैं।
लतरातू डैम में बने अस्थायी रिसोर्ट में ठहराएं जाएंगे विधायक
बस में सवार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों के साथ सेल्फी भी ली है। तीनों बसों को पुलिस सुरक्षा में खूंटी के लतरातू डैम ले जाया जा रहा है। वहां एक अस्थायी रिसोर्ट बनाया गया है। रिसोर्ट के बाहर भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। बस के पीछे से सीएम हेमंत सोरेन का काफिला भी चल रहा है।
राज्यपाल आयोग की सिफारिश पर जता चुके हैं सहमति
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ-साथ राज्य का सियासी भविष्य चुनाव आयोग के फैसले पर टिका है। मालूम हो कि लाभ के पद मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रघुवर दास की शिकायत पर चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश राज्यपाल से की थी। जिसपर शुक्रवार देर शाम राज्यपाल ने अपनी सहमति जता दी है। अब इस मामले में फाइनल डिसीजन चुनाव आयोग को लेना है।
संख्या बल के हिसाब से झामुमो को मिलेगा सरकार बनाने का न्योता
बताया जा रहा है कि आज चुनाव आयोग किसी भी समय CM हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर सकती है। सोरेन की सदस्यता जाने के बाद राज्यपाल रमेश बैस राज्य के सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का न्योता देंगे। संख्या बल के अनुसार फिलहाल JMM अभी झारखंड विधानसभा में सबसे बड़ा दल है। ऐसे में नियम के अनुसार गवर्नर को सरकार बनाने का पहला मौका JMM को ही मिलेगा।
हेमंत सोरेन ने कहा- सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं
इस बीच CM हेमंत सोरेन ने शुक्रवार देर रात ट्वीट करते हुए इस मामले पर अपना जवाब दिया है। उन्होंने कहा है, ''सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं है। बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है, क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं।”