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Bihar Journalist Shot Dead : मॉर्निंग वॉक कर घर लौटा ही था कि मोबाइल बज उठी, इसके बाद जो सुना फिर तो दिल ही बैठ गया

Pushplata
Bihar Journalist Shot Dead : मॉर्निंग वॉक कर घर लौटा ही था कि मोबाइल बज उठी, इसके बाद जो सुना फिर तो दिल ही बैठ गया
Bihar Journalist Shot Dead : मॉर्निंग वॉक कर घर लौटा ही था कि मोबाइल बज उठी, इसके बाद जो सुना फिर तो दिल ही बैठ गया

सुबह का समय था करीबन सात बजे। मॉर्निंग वॉक के बाद जैसे ही घर पहुंचा तो मोबाइल पर एक पत्रकार साथी मंटू भगत का कॉल आया। आमतौर पर हाल-समाचार के लिए अहले सुबह साथियों का फोन आता है। चूंकि इस समय पत्रकार बिरादरी से जुड़े लोगों के पास कुछ गप्पे मारने का वक्त होता है। इसके बाद जैसे-जैसे दिन चढ़ता है, व्यस्तता भी बढ़ती चली जाती है। खैर, उनसे सूचना मिली कि सुबह साढ़े पांच बजे के करीब रानीगंज प्रखंड के दैनिक जागरण अखबार के पत्रकार विमल कुमार यादव की हत्या कर दी गई। सूचना के सत्यापन के लिए कई और पत्रकार मित्रों के साथ रानीगंज के सर्किल इंस्पेक्टर राजेश तिवारी को कॉल किया। उन्होंने मामले की पुष्टि की। राजेश तिवारी ने बताया कि रानीगंज थानाध्यक्ष कौशल कुमार और अन्य पुलिस अधिकारी शव को लेकर अररिया पोस्टमार्टम हाउस के लिए निकले हैं। चूंकि मैं भी खबरनवीश हूं और खबरों से मेरा ताल्लुकात रहता है तो खुद को रोक नहीं पाया।

परिवार के साथ पुलिसवाले भी हैरान दिखे

फारबिसगंज से अपने एक पत्रकार साथी रुपेश कुमार को लेकर अररिया पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा। वहां दर्जनों पत्रकारों के साथ बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी, जवान और अन्य लोग मौजूद थे। सभी की आंखें नम थी और सवेरे-सवेरे बदमाशों की दुस्साहस को लेकर चर्चा कर रहे थे। इसी क्रम में विमल की पत्नी पूजा देवी से बात करने पर पता चला कि चार साल पहले उनके देवर शशिभूषण उर्फ गब्बू यादव की अपराधियों ने हत्या कर दी थी। भाई के हत्या के मामले में पत्रकार विमल कुमार यादव ही शिकायतकर्ता थे। अन्य साथियों और पुलिस अधिकारियों से बातचीत करने के क्रम में मालूम हुआ कि केस ट्रायल पर चल रहा है। अभियुक्त की ओर से केस में गवाही नहीं देने के लिए बार-बार दबाव बनाया जा रहा था। जिसको लेकर पुलिस के आलाधिकारियों के पास शिकायत भी की गई थी। लेकिन सुरक्षा नसीब नहीं हो पाई और अपराधी अपने मंसूबे में सफल हो गए।

सांसद ने बिहार सरकार पर फोड़ा ठिकरा

वहां, मौजूद पत्रकार राकेश भगत, फूलेंद्र मल्लिक, मृगेंद्र कुमार मणि, आमोद शर्मा, अमित कुमार अमन, रवि भगत, अमरेंद्र कुमार, मिंटू सिंह, कमर आलम, रंजीत कुमार, रुपेश कुमार सहित अन्य लोगों से घटना को लेकर आपस में बातचीत हो रही थी। तभी, करीब साढ़े नौ बजे के करीब अररिया एमपी प्रदीप कुमार सिंह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। घटना को लेकर पत्रकारों से औपचारिक-अनौपचारिक दोनों तरह की बातचीत हुई। जिसके बाद उन्होंने परिजनों से मुलाकात की और घटना को लेकर दुख व्यक्त करते हुए खुद को परिवार के साथ करार दिया। उन्होंने विधि-व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा किया। अररिया के रहनेवाले और समस्तीपुर के मोहनपुर थानाध्यक्ष हत्याकांड, दो दिन पहले रानीगंज में सीमेंट कारोबारी पर गोलीकांड को लेकर उन्होंने सवाल खड़ा किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद को संवेदनहीन करार दिया। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार गद्दाफी के समान तानाशाह हो गए हैं। काफी देर तक रूके और फिर वो निकल गए।

अररिया एसपी के छूट रहे थे पसीने

थोड़ी देर बाद अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह, एसडीपीओ रामपुकार सिंह, नगर थानाध्यक्ष शिव शरण साह दल-बल के साथ पहुंचे। परिजनों के साथ-साथ अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह ने पत्रकारों से बातचीत की। रटारटाया अपराधियों के शीघ्र गिरफ्तार कर लेने का दावा किया। तीखे सवालों से बचते हुए निकल गए। पत्रकारों ने भी एसपी से हत्यारे को शीघ्र गिरफ्तार करने की गुहार लगाई। लेकिन इस दौरान घटना को लेकर अररिया एसपी के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थी और चेहरे पर आने वाले पसीने को रुमाल से बार बार पोंछ रहे थे।

रानीगंज बाजार वाले घर में सन्नाटा

पोस्टमार्टम के बाद शव को पुलिस रानीगंज बाजार स्थित घर न ले जाकर सीधे रानीगंज प्रखंड के बेलसरा गांव के लिए निकल पड़ी। हम भी बेलसरा जाने से पहले रानीगंज बाजार स्थित उनके घर के लिए साथी मुबारक को लेकर बाइक से निकल पड़े। वारदात वाले घर पर कोई नहीं था। बाहर में कुछ लोग जमा थे और पुलिस के एक अधिकारी के साथ कुछ जवान मौके पर मौजूद थे। पुलिस अधिकारी हरेंद्र कुमार से बातचीत की कोशिश की तो उन्होंने बातचीत के लिए साफ मना कर दिया। इस दौरान मौके पर कुछ और पटना वाली मीडिया को टीम पहुंच गई। खबर को कवर करने में जुट गए। अगल-बगल के लोगों और घटनास्थल से जानकारी लेने के बाद हम निकल पड़े रानीगंज के बेलसरा गांव की ओर।

विमल के गांव का माहौल गमगीन

बेलसरा में पहुंचने पर देखा कि हजारों की संख्या में भीड़ जमा थी। मौके पर जिला मुखिया संघ के अध्यक्ष बगुलाहा के मुखिया प्रिंस विक्टर थे। उनके साथ राजद जिलाध्यक्ष मनीष यादव और स्थानीय कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मौके पर ही अररिया सदर एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर, एसडीपीओ रामपुकार सिंह, अररिया नगर थानाध्यक्ष शिव शरण साह, इंस्पेक्टर राजेश तिवारी सहित कई थानों की पुलिस मौजूद थी। दरवाजे पर भारी भीड़ जमा थी और रोने-चीखने की आवाज से पूरा माहौल गमगीन था। पत्नी पूजा देवी बार-बार पति के शव से लिपटकर चीत्कार मारकर रो रही थीं। जबकि अगल-बगल में जमा महिलाएं ढांढस बंधाने में लगी थीं। बगल में बेटा-बेटी सिसक रहे थे और उन्हें भी कुछ लोग चुप कराने की कवायद में थे। इसी बीच में लोगों ने जल्दी से शव को उठाने की पहल की। शव को घर के दहलीज से बाहर निकालकर कुछ ही दूरी पर स्थित मंदिर के पीछे अंतिम संस्कार कराया गया।

मुखाग्नि के बाद पुलिसवाले निकल पड़े

ग्रामीणों के साथ-साथ सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी पीछे-पीछे चल पड़े। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सड़क के किनारे खड़े होकर अंतिम संस्कार को देखने लगे। मृत पत्रकार के पुत्र ने अपने पिता को मुखाग्नि दी और उसके बाद सिसकने लगा। जिसके बाद उसे लेकर उनके रिश्तेदार छांव में चले गए। कुछ ग्रामीण चिता को सुलगाने में जुट गए। इस बीच हमने अररिया सदर एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर और एसडीपीओ रामपुकार सिंह से अलग-अलग बातचीत की। दोनों अधिकारियों ने घटना पर दुख जताया। साथ ही हत्यारे की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और पीड़ित परिवार के साथ जिला प्रशासन के खड़े होने की बात कही। थोड़ी देर बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी वहां से निकल गए।

 

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