रतलाम/जावरा
MP Politics : BJP जिलाध्यक्ष के खिलाफ फूटा गुस्सा : रतलाम भाजपा में भगदड़ 40 पदाधिकारियों के इस्तीफे
जगदीश राठौररतलाम : (जगदीश राठौर...)
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प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भजपा (BJP) संगठन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। बुंदेलखंड के बाद मालवा, महाकौशल, ग्वालियर-चंबल, विंध्य से भी नेता और कार्यकर्ताओं की नाराजगी खबरें आ रही है। साथ ही नेताओं ने पार्टी छोडऩा भी शुरू कर दिया है।
प्रदेश नेतृत्व अंसतुष्ठों को मनाने में जुट गया
ताजा खबर मालवा क्षेत्र के रतलाम जिले से है, जहां भाजपा के 40 से ज्यादा पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिए हैं। इससे पहले भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह विरोधी को टिकट देने पर बगावत का ऐलान कर चुके हैं। फिलहाल प्रदेश नेतृत्व अंसतुष्ठों को मनाने में जुट गया है, लेकिन सफल होता नहीं दिख रहा है।
रतलाम भाजपा में विरोध इतना बढ़ गया है कि अब यहां तो खुलकर इस्तीफे दिए जा रहे हैं। रतलाम जिले के आलोट के बाद अब रतलाम ग्रामीण में भी पदाधिकारियों ने थोकबंद इस्तीफे दे दिए हैं। विभिन्न प्रकोष्ठ के 40 से ज्यादा पदाधिकारियों ने अपने पद छोड़ दिए हैं। पद छोडऩे वाले सारे पदाधिकारी जिलाध्यक्ष राजेंद्र लुनेरा से नाराज हैं।
दो दिन पहले इंदौर में भाजयुमो के नेताओं के बीच विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में प्रदेशाध्यक्ष वैभव पंवार भी पिटने से बचने के लिए भागते दिखाई दिए हैं। मारपीट में उनके कपड़े तक फट गए। भाजयुमो के इस ‘गृहयुद्धÓ में संगठन के किसी पदाधिकारी ने मुंह नहीं खोला है। हालांकि विवाद से जुड़े भाजयुमो के तीन पदाधिकारियों केा बाहर का रास्ता जरूर दिखा दिया है। भाजयुमो सूत्र बताते हैं कि इंदौर में भाजपा के दो बड़े गुट बन गए हैं।
पुलिस के विरोध में धरने पर बैठे तो जिलाध्यक्ष ने दिया नोटिस, भड़के
रतलाम जिला भाजपा में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी पदाधिकारी लगातार जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा की कार्यप्रणाली से नाराज होकर इस्तीफा दे रहे हैं. पहले आलोट के दो दर्जन से ज्यादा पदाधिकारियों ने अपना पद त्याग दिया। अब रतलाम ग्रामीण के धराड़ मंड़ल के 40 से ज्यादा पार्टी पदाधिकारियों ने पदों से इस्तीफा दे दिया। आलोट में बीजेपी के नेता पुलिस वसूली के विरोध में थाने में धरने पर बैठे थे। बीजेपी जिला अध्यक्ष ने उन्हें नोटिस थमा दिया। उसके बाद आलोट में बीजेपी कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने पद छोड़ दिया। धराड़ मंडल अध्यक्ष को बिना कारण बताए पद से हटा दिया। जिसके विरोध में 40 से ज्यादा धराड़ मंडल के पदाधिकारियों ने अपने पदों से त्यागपत्र दे दिया।