राजसमन्द
पालीवाल समाज के समाजसेवी ब्रह्मलीन पूर्व सरपंच श्री गिरधारीलाल दवे को चौदहवीं पुण्यतिथि पर शत्...शत्...नमन
प्रकाश प्रजापतीबामन टुंकड़ा । राजसमंद स्थित द्वारकाधीश के आस-पास श्रीजी ओर श्री चारभुजा के बीच पुण्य धरा पावन नगरी बामन टूकडा के सरपंच साहब नाम से लोकप्रिय ब्रह्मलीन श्री गिरधारी लाल जी दवे की आज चौदहवीं पुण्यतिथी पर समस्त ग्रामवासी उन्हें नमन कर रहा है। सरपंच साहब जो की एक कुशल सरल स्वभाव संघर्षशील नाम से जाने जाते थे, सरपंच साहब अपना सारा जीवन अपनी शर्तो पर जिया और उनके जीवन में एक बार नहीं बल्कि कई बार बहुत ही विषम परिस्थतीया भी आयी, फिर भी उन्होने कभी अपने ऊसुलो के साथ समझौता नहीं किया। कई बार गैर ही नहीं बल्कि उनके अपने भी उनके विरोध में आये पर उन्होने हार नहीं मानी और बात की खातिर बड़े से बड़ा त्याग किया। अपने वर्ष के जीवन में जहा उन्होने न सिर्फ स्वंत्रता संग्राम देखा। आजादी के दीवानो का जनून देखा बल्कि स्वंत्रता संग्राम में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आजादी के दीवानो का साथ भी दिया। वह कई बार बामन टुकड़ा पंचायत सरपंच के रूप में इतने लोकप्रिय हुए कि अंत तक सरपंच साहब बने रहे। वह एक अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे और गलत बात उनसे सहन नहीं होती थी। हालांकि अपनी इस आदत के कारण उनको काफी कष्ट भी झेलने पड़े। उनकी अनुशासन प्रियता एवं थोड़ी कठोरता के कारण लोग उनके पास जाने में झिझकते थे। वह सोचते थे सरपंच साहब को मनाना आसान नहीं है। लेकिन सरपंच साहब सही बात पर हर किसी की मदद करते थे। वह हर धर्म हर समाज का आदर करते थे, वह गांव की समस्या को अपनी समस्या को अपनी समस्या समझकर खुद आगे आकर मोर्चा संभालते थे, यही कारण था की गांव वाले हर काम में उनको आगे कर देते थे। उन्होने कानून नहीं पढ़ा था लेकिन वह सभी क़ानूनी दाव पेच जानते थे। कभी-कभी कुछ वकीलों को अप्रिय लगता था लेकिन अनुभवी वकील उनकी बातो एवं सलाह को ध्यान से सुनते और उसी आधार पर कार्य करते थे। यह महापुरुष सरपंच साहब सभी गांव वालो को अलविदा कह गये। सरपंच साहब ने अधिक समय तक इस गांव के उतार चढ़ाव को देखा, कई परिस्थतियो को खुद सहा। स्वाभिमान सरल स्वभाव संघर्षशील एवं संवेदना के साथ अपने तौर पर अपने स्टाइल में जीवन जीने वाले पूर्व सरपंच गिरधारी लाल जी दवे साहब को उनकी चौदहवीं पुण्यतिथि पर शत्...शत् नमन। वह आज हमारे बीच नहीं है फिर भी हमारे लिए प्रेरणा के श्रोत बने रहेंगे। एक फिर समस्त बामन टुंकड़ा ग्रामवासियों की ओर से आत्मीय श्रद्वाजंलि अर्पित करते हैं।
● पालीवाल वाणी ब्यूरों-प्रकाश प्रजापती...✍️
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