राजसमन्द
नौ दिवसीय बनास चेतना अनुयाज 17 अगस्त से
Suresh Bhatराजसमंद। गायत्री परिवार द्वारा बनास नदी के सेवा-संरक्षण-संवद्र्धन-संचेतना के पुनीत भाव से उद्गम से संगम तक की नौ दिवसीय अनुयाज यात्रा 17 अगस्त से 25 अगस्त तक चलाई जाएगी। गायत्री शक्तिपीठ, राजसमन्द पर आयोजित आठ जिलों से पधारे प्रतिनिधियों की संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया। ुष्कर जोन के संयोजक घनश्याम पालीवाल ने बताया कि वर्ष 2012 में बनास चेतना यात्रा के दौरान उमड़ा व्यापक जनउत्साह व जनसहयोग को ध्यान में रखते हुये पुर्नजागरण के लिये यह यात्रा आयोजित की जाएगी। पैदल व वाहन यात्रा के स्वरूप में यह यात्रा उद्गम स्थल बैरों का मठ से समापन संगम स्थल रामेश्वर धाम तक होगी यात्रा के साथ-साथ माँ बनास की दिव्य झांकी से सजा रथ रहेगा। 700 किमी की इस यात्रा के दौरान आने वाले तीर्थों पर अभिषेक, तर्पण, पूजन, यजन आदि कर्म संपादित होंगे साथ ही जनजागरण, स्वच्छता, वृक्षारोपण, घाटों का निर्माण, पूर्व में गठित बनास सेवा मण्डलों के पुर्नजागरण का कार्य भी होगा।
इस संपूर्ण अनुयाज यात्रा का संयोजक बद्रीलाल शर्मा को बनाया गया। शर्मा ने कहा कि यह यात्रा बनास नदी के संरक्षण व संवद्र्धन के उद्देश्य से चलाई जा रही है जिसमें सभी की भागीदारी होना जरूरी है ताकि माँ बनास की सेवा कर हम प्रकृति के असंतुलन को बचा सकें जब तक हमारा पर्यावरण संरक्षित नहीं होगा हम कदापि सुरक्षित नहीं रह सकते इस चेतना के प्रसार हेतु विद्यालयों में पर्यावरण गोष्ठियाँ, गाँवों में रैलियाँ आदि भी निकाली जाएगी। गोष्ठी में भीलवाड़ा से केदारदास वैष्णव, भंवरलाल जाट, उपजोन राजसमन्द प्रभारी भगवतीलाल भाटिया, शक्तिपीठ के व्यवस्थापक भंवरलाल पालीवाल एवं गिरजाशंकर पालीवाल, नाथुलाल कुमावत, कन्हैयालाल सेन, मनोहरलाल माहेश्वरी, रामचन्द्र पालीवाल, घनश्याम शर्मा, आशा द्विवेदी, सीता देवी, राजेश जोशी, सुरेश सेन, माधवलाल जाट, मोहनलाल गुर्जर, श्यामसुन्दर नन्दवाना, अम्बालाल आदि अनेक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया ।