राजस्थान

भय इतना कर दो कि लोग रेप करना बंद कर दें : मुख्यमंत्री गहलोत - 4 बलात्कारियों को सुनाई गई फांसी

Paliwalwani
भय इतना कर दो कि लोग रेप करना बंद कर दें : मुख्यमंत्री गहलोत - 4 बलात्कारियों को सुनाई गई फांसी
भय इतना कर दो कि लोग रेप करना बंद कर दें : मुख्यमंत्री गहलोत - 4 बलात्कारियों को सुनाई गई फांसी

जयपुर. 10 वर्ष में 38 मासूमों से बलात्कार (पोक्सो) के आरोपियों को पुलिस ने पकड़कर सलाखों के पीछे भेजा। वहीं अदालत ने इन मामलों के 44 आरोपियों को त्वरित कार्रवाई करते हुए सजा भी सुनाई। इनमें से रोंगटे खड़े कर देने वाली मासूम बच्चियों से बलात्कार की घटना को अंजाम देने वाले चार मामलों में 4 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई। इनमें दिल दहला देने वाली घटना भी है, जिसमें हैवानियत की सारी हदें पार कर 11 माह की अबोध बालिका से बलात्कार किया गया। यह जानकारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पुलिस मुख्यालय ने समीक्षा बैठक में भी बताया, तब मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों को कहा कि भय इतना कर दो कि लोग रेप करना बंद कर दें।

शव देख रोंगेटे खड़े हो गए

न्यायालय ने नागौर के एक थाना क्षेत्र में सितम्बर 2021 में 7 वर्षीय बच्ची को मुंह बोले मामा ने नोंचा और बलात्कार के बाद गला दबाकर हत्या कर दी। शव देखने वालों के रोंगटे खड़े हो गए थे। प्रकरण दर्ज होने के बाद एक माह में न्यायालय ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई। झुंझुनूं में 5 वर्षीय बच्ची से दरिंदगी करने वाले को न्यायालय ने 18 दिन में मृत्युदंड की सजा सुनाई। 11 माह की अबोध बच्ची से बलात्कार के आरोपी को चार माह में फांसी की सजा दी गई। विशेषज्ञों की माने तो ना जाने अभी आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचने में कीतने वर्ष लग जाएंगे। बलात्कार की शिकार बच्चियों में ढाई वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक की अधिक हैं।

3 मामलों में आजीवन कारावास की सजा

पुलिस ने जुटाए आंकड़ों में सामने आया कि न्यायालय ने 13 मामलों के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं 13 मामलों के आरोपियों को 20-20 वर्ष की सजा दी। दो आरोपियों को मृत्यु आने तक जेल में रखने की सजा सुनाई। जबकि 3 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। इनके अलावा एक मामले में 10 वर्ष, दूसरे में 6 वर्ष और तीसरे में 5 वर्ष की सजा सुनाई।

सबसे अधिक वर्ष 2019 व 2021

न्यायालय ने सबसे अधिक सजा वर्ष 2019 के मामलों में सुनाई। इस वर्ष 14 मामलों में सजा सुनाई गई। वर्ष 2021 में 8 मामलों में सजा सुनाई। 2018 के 6 मामलों में तो 2016 और 2020 के तीन-तीन मामलों में सजा सुनाई। वर्ष 2012 व 2015 के एक-एक मामले में सजा सुनाई।

 

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