Thursday, 03 July 2025

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जस्टिन ट्रूडो के जाने के साथ ही कनाडा ने खालिस्तानियों का बोरिया-बिस्तर बाँधा: बीजेपी नेता मनदीप कौर

रविंद्र आर्य
जस्टिन ट्रूडो के जाने के साथ ही कनाडा ने खालिस्तानियों का बोरिया-बिस्तर बाँधा: बीजेपी नेता मनदीप कौर
जस्टिन ट्रूडो के जाने के साथ ही कनाडा ने खालिस्तानियों का बोरिया-बिस्तर बाँधा: बीजेपी नेता मनदीप कौर

कनाडा में खालिस्तानी राजनीति की हार, जगमीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय दर्जा बचाने में नाकाम

राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम

मोहाली (पंजाब). पंजाब की ओबीसी महिला नेता और बीजेपी की प्रतिनिधि मनदीप कौर सैनी (मोना) ने हाल ही में संपन्न हुए कनाडा के आम चुनावों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "जस्टिन ट्रूडो के जाने के साथ ही कनाडा की जनता ने खालिस्तानियों का बोरिया-बिस्तर बाँध दिया है।"

खालिस्तान समर्थक तत्वों पर हमला बोलते हुए कौर ने कहा कि कनाडा की जनता ने उन लोगों को स्पष्ट रूप से नकार दिया है जो वर्षों से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और राजनीतिक संरक्षण की आड़ में भारत विरोधी एजेंडा चला रहे थे। उन्होंने जगमीत सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, "खुद खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह अपनी सीट हार गए और उनकी पार्टी—न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP)—अपना राष्ट्रीय दर्जा तक नहीं बचा सकी।"

कौर ने इस परिणाम को "खालिस्तानी एजेंडे की नैतिक और राजनीतिक हार" और "भारत की राष्ट्रवादी नीति को वैश्विक समर्थन" करार दिया। उन्होंने कहा कि अब कनाडा की आम जनता भी समझ चुकी है कि खालिस्तान के नाम पर नफरत फैलाने वाले न तो भारत के हितैषी हैं और न ही कनाडा के।

उन्होंने भारत सरकार और एजेंसियों द्वारा खालिस्तान समर्थक नेटवर्क के खिलाफ समय-समय पर उठाए गए कड़े कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और सभ्यता आधारित सुधार है।"

प्रसंग : 2025 में कनाडा में हुए आम चुनावों में जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी बहुमत हासिल करने में विफल रही। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह रही कि खालिस्तानी झुकाव रखने वाले जगमीत सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा। उनकी पार्टी, NDP, अब राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा भी खो चुकी है—जो जनता की स्पष्ट अस्वीकृति का संकेत है।

भारत और कनाडा के बीच हालिया वर्षों में खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर कूटनीतिक संबंधों में तनातनी रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह चुनाव परिणाम कनाडाई जनता की बदलती सोच को दर्शाता है, जो अब उग्रवाद और आतंकवाद के मुखौटे में छिपी राजनीति से सतर्क हो चुकी है।

रिपोर्टर : रविंद्र आर्य

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