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Sikh Marriage Guidelines : गुरुद्वारे में शादी का ड्रेस कोड : न लहंगा न घाघरा, सिर्फ ये जोड़ा पहन सकेंगी दुल्हनें
paliwalwaniअमृतसर :
श्री हजूर साहिब में शादी के दौरान पहनने वाले कपड़ों पर सख्त नियम लागू किया गया है। उन्होंने सिख महिलाओं के लहंगा- घाघरा पहनने पर रोक लगा दी। महिलाओं को सूट सलवार पहनने की हिदायत दी गई है।
साथ ही निमंत्रण कार्ड पर दूल्हा -दुल्हन के नाम के आगे सिंह अथवा कौर (Singh-Kaur surname) अंकित न करने पर भी आपत्ति जताते हुए इसे अनिवार्य कर दिया है।
महाराष्ट्र के नान्देड नगर में सिखों के पांच तख्तों में से एक श्री हजूर साहिब में शादी के दौरान पहनने वाले कपड़ों पर सख्त नियम लागू किया गया है। गुरुद्वारे में अब शादी के दौरान दुल्हन भारी-भरकम लहंगा नहीं पहन सकेंगी।
पूरी सिख कौम पर लागू नहीं फैसला
फिलहाल यह पाबंदी नांदेड़ सहित महाराष्ट्र में होने वाले शादी समारोह में लागू रहेगी, क्योंकि यह फैसला श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में पांच तख्तों के सिंह साहिबान का सामूहिक फैसला नहीं है इसलिए यह पूरी सिख कौम पर लागू नहीं हो सकता है।
जत्थेदार कुलविंदर सिंह ने लिया फैसला
वह केवल सूट में ही फेरे लेंगी। जानकारी के मुताबिक, तख्त श्री हजूर साहिब के जत्थेदार कुलविंदर सिंह (Jathedar Kulwinder Singh) ने आनंद कारज (Anand Karaj) के दौरान सिख महिलाओं के लहंगा- घाघरा पहनने पर रोक लगा दी है।
मैरिज कार्ड में नाम में सिंह-कौर भी किया जरूरी
यह फैसला जत्थेदार कुलविंदर सिंह की अध्यक्षता में सिंह साहिबानो की हुई अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया है। बैठक में दूल्हा-दुल्हन के पारिवारिक सदस्यों द्वारा सवजनों द्वारासब जनों द्वारा प्रकाशित करवाए जाते निमंत्रण कार्ड पर दूल्हा -दुल्हन के नाम के आगे सिंह अथवा कौर (Singh-Kaur surname) अंकित न करने पर भी आपत्ति जताते हुए इसे अनिवार्य कर दिया है।
सामाजिक दिखावे पर रोक लगाने के लिए लिया फैसला
ऐसा सिखों में शादी समारोह के दौरान किए जाते फजूल खर्च को रोकने तथा बेवजह सामाजिक दिखावे पर अंकुश लगाने के लिए किया गया है। सिंह साहिबानो ने यह फैसला आनंद -कारज के दौरान भारी -भरकम लहंगे (Lehnga wearing) पहनने के समय फेरे लेने में होने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए किया गया है।
महिलाओं को सूट सलवार पहनने की दी हिदायत
शादी में आधुनिक फैशन के तहत अंग प्रदर्शन वाले वस्त्र पहनने की प्रथा पर पाबंदी लगाने के लिए लिया है। ऐसे अंग प्रदर्शन वाले कपड़ों की जगह सिख महिलाओं को सूट सलवार पहनने की हिदायत दी गई है।