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आलीराजपुर के समस्त नवदुर्गा ’उत्सव समिति एवं समस्त गरबा प्रेमियो’ से अनुरोध
Paliwalwaniआलीराजपुर : वर्तमान में नवरात्रि महोत्सव में नगर आलीराजपुर के कई गणमान्य नागरिकों एवं सकारात्मक सोच वाले नागरिकों के बीच एक चर्चा का विषय बना हुआ है कि गरबा पांडाल में आयोजको द्वारा मातारानी की मूर्ती स्थापित की गई हैं। जहा पर प्रतिदिन गरबा रास हो रहा हैं। लेकिन हमें यह देखकर अत्यंत दुःख हो रहा है की नगर के अधिकतर गरबा पांडाल में फ़िल्मी गाने चलाकर गरबा नृत्य किया जा रहा है, जिसमे इंतहा हो गई इंतजार की, एक में और एक तू दोनो मिले इस तरह, चिकनी कमर पे तेरी मेरा दिल फिसल गया,दो घुट मुझे भी पिला दे शराबी,बार बार देखो हजार बार देखो ये देखने की चीज हैं, अरे दीवानो मुझे पहचानो, हमे तो लूट लिया हुस्न वालो ने गोरे गोरे गालो ने,निसार जानेमन हसीन दिल रुबा,जेसे फ़िल्मी गाने चल रहे हैं जो की काफी निंदनीय हैं।
हम हिन्दू समाज नवरात्रि महोत्सव में क्या जताना चाह रहे है जबकि नवरात्रि पर्व माँ की भक्ति आराधना और उपासना का पर्व हैं लेकिन हमारा युवा वर्ग दिशा से भटककर किस और जा रहा है ये हम सभी को सोचने का विषय है। हम किसी भी गरबा आयोजन समिति या गरबा प्रेमियों का गरबा खेलने या आयोजन करने का विरोध नही कर रहे हैं बल्कि हम हिन्दू समाज को ये बताना चाहते हैं की हमारी भावी पीढ़ी किस तरफ जा रही है।
गरबा पांडाल में यदि नाचना कूदना हो तो कम से कम माता रानी की मूर्ति पर कपड़ा ढककर खेल सकते है लेकिन नाचने कूदने के लिये भी भक्ति भाव के कई गीत है उस पर हम आनन्द ले सकते है,लेकिन हम क्या कर रहे हैं माता जी की मूर्ति के सामने फुलहड़ बाजी कर रहे, जो की काफी शर्मनाक और निंदनीय हैं। क्या हमे ऐसा नही लगता की हम लोग हमारे ही धर्म का मजाक उढ़ा रहे है???
आलीराजपुर के समस्त हिन्दू समाजजन
आपसे विनम्र अनुरोध हैं की आप कृपया अपने भावी बच्चों को ये शिक्षा दे की वे हमारी संस्कृति सभ्यता को बढ़ावा देने का काम करे अन्यथा हमारी संस्कृति खत्म होने में समय नही लगेगा। हम सब मिलकर इस तरह की धर्म विरोधी संस्कृति के खिलाफ आवाज उठाये और हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देने में सहयोग करे। अगर हमारी संस्कृति नही बचेगी तो हम कहा से बचेंगे। जरा सोचना की फैशन के चक्कर में कही हम हमारे धर्म का अपमान तो नही कर रहे.
निवेदक : माता रानी का भक्त