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RBI का ऐलान : घर बैठे भरें स्‍कूल फीस, किराया और बिल, री-केवाईसी के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं

Paliwalwani
RBI का ऐलान : घर बैठे भरें स्‍कूल फीस, किराया और बिल, री-केवाईसी के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं
RBI का ऐलान : घर बैठे भरें स्‍कूल फीस, किराया और बिल, री-केवाईसी के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एमपीसी बैठक के बाद बताया कि भारत बिल पे सिस्‍टम का दायरा अब बढ़ाया जा रहा है. अब इसके जरिये सिर्फ रिकरिंग बिल ही नहीं, बल्कि सिंगल पेमेंट भी किए जा सकेंगे. अभी इसके जरिये मर्चेंट को रिकरिंग बिल का भुगतान ही किया जाता है.

कहां-कहां होगा इस्‍तेमाल

दास ने बताया कि अब BBPS के जरिये पेशेवर सेवाओं की फीस, एजुकेशन फीस, टैक्‍स भुगतान, किराये का भुगतान या कलेक्‍शन जैसे काम किए जा सकेंगे. यह लेनदेन व्‍यक्तिगत और सिंगल भी होगा और रिकरिंग के जरिये भी किया जा सकेगा. इतना ही नहीं यूटिलिटी और मर्चेंट को भी इसके जरिये सिंगल पेमेंट किया जा सकेगा. आप चाहें तो इसका इस्‍तेमाल कर मकान मालिक को हर महीने किराये का भुगतान कर सकते हैं अथवा अपने सीए या डॉक्‍टर की फीस भी भर सकते हैं.

ग्राहक ब्‍लॉक कर सकेंगे यूपीआई का फंड

नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने BBPS की शुरुआत साल 2017 में की थी, जिसका मकसद ग्राहकों को सुरक्षित और पारदर्शी पेमेंट सिस्‍टम मुहैया कराना था.

रिजर्व बैंक ने ग्राहकों को एक और बड़ी सुविधा मुहैया कराई है. गवर्नर दास ने कहा है कि अब यूपीआई के जरिये भी ग्राहक अपने पैसे को खाते में ही ब्‍लॉक कर सकेंगे और मर्चेंट को होने वाले जरूरी या रिकरिंग भुगतान को रोका जा सकेगा. इसका मतलब है कि ग्राहक यूपीआई के जरिये मर्चेंट को किए जाने वाले मैनडेट पेमेंट को जब चाहे रोक सकते हैं. इससे ग्राहक अपने फंड का इस्‍तेमाल जरूरी उद्देश्‍यों के लिए कर सकेंगे.

KYC अपडेट कराने बैंक नहीं जाना होगा

दास ने कहा कि अब ग्राहकों को अपनी री-केवाई कराने के लिए बैंक शाखा में जाने की जरूरत नहीं होगी. अगर केवाईसी के जरिये एड्रेस नहीं बदलवाना है तो बैंक इसे ऑनलाइन ही स्‍वीकार कर लेंगे. आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंकों को अपने ग्राहकों की केवाईसी समय-समय पर अपडेट करनी होती है. ग्राहक खाता खुलवाते समय जो केवाईसी कराता है, उसे बाद में अपडेट करानी होती है. लिहाजा री-केवाईसी के अब ग्राहक को ब्रांच जाने की जरूरत नहीं होगी. अगर कोई बैंक ग्राहक को ब्रांच में आने के लिए दबाव बनाता है तो उसके खिलाफ शिकायत की जा सकती है.

 

 

 

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