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Farming : कार्पोरेट की नौकरी छोड़ युवक ने शुरु किया सेब और कीवी की खेती, आज सालाना 40 लाख रुपये की कमाई हो रही
Paliwalwaniअक्सर लोगों को लगता है कि नौकरी करके ही अधिक पैसे कमाया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं है। घाटे का सौदा समझा जानेवाला खेती करके भी नौकरी से अधिक पैसे कमा सकते हैं। इस बात को सही साबित करके दिखाया है मनदीप वर्मा ने जिन्होंने आईटी की नौकरी को ठोकर मारकर बंजर जमीन पर कीवी की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहें हैं।इसी क्रम में आइए जानते हैं उनके बारें में विस्तार से-
नौकरी में नहीं मिला सुकून
मनदीप वर्मा हिमालय के तलहटी में बसा शिल्ली गांव के निवासी हैं। 2010 में MBA की डिग्री हासिल करने के बाद उनकी नौकरी एक आईटी कम्पनी में अच्छी सैलरी वाले पोस्ट पर लग गई, जहां उन्हे एक दिन में 8 क्लाइंट को संभालना था। कहते हैं न जिंदगी में हर चीज कुछ न कुछ सिखाती है। मनदीप वर्मा को इस नौकरी में काफी कुछ सीखने को मिला साथ ही उनका लोगों से कनेक्शन भी बढ़ा।
नौकरी छोड़ वापस गांव आने का किया फैसला
नौकरी से काफी कुछ एक्सपीरियंस और अच्छी सैलरी के बावजूद भी इस कासे उन्हें संतुष्टि नहीं थी। वे खुद का कुछ ऐसा करना चाहते हैं जिसमें उन्हें सुकून मिल सके। अन्ततः उन्होंने चार साल नौकरी करने के बाद उसे छोड़ने का निर्णय लिया और अपने वापस आ गए। वह कहते हैं कि, सभी को पता होता है कि उन्हें आगे क्या करना है लेकिन जब उन्होंने कार्पोरेट की नौकरी छोड़ वापस गांव आए तो उन्हें बिल्कुल आइडिया नहीं कि आगे क्या करना है।
शुरु किया स्वास्तिक फार्म
हमारे समाज में अक्सर बच्चों को शिक्षा दी जाती है कि पढ़ाई का मतलब है सरकारी या प्राईवेट नौकरी। मनदीप को भी यही शिक्षा मिली थी, लेकिन हर किसी के पास अलग-अलग स्किल होती है जिसे सही समय और सही जगह पर किया जाए तो जीवन मे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। 38 वर्षीय मनदीप वर्मा ने भी काफी सोच-विचार करके अपने स्किल का अलग तरीके से इस्तेमाल करने के लिए 14 लाख रुपये का निवेश करके एक फार्म की स्थापना की। उन्होंने उस फार्म का नाम “स्वास्तिक” (Swastik Farm) रखा।
बंजर पड़ी पुश्तैनी जमीन पर शुरु किया कीवी की खेती
मनदीप ने अपनी पत्नी से नौकरी छोड़ने और खेती करने के विचार को साझा किया जिसमें उनकी पत्नी ने भरपूर साथ दिया। हालांकि, खेती करने के लिए उपजाऊ जमीन की जरुरत होती है लेकिन गांव में मनदीप (Mandeep Varma) की 4.84 एकड़ की पुश्तैनी जमीन थी, जो सालों से बंजर पड़ी थी। आप जानते हैं कि बंजर जमीन पर करना काफी मुश्किल भरा काम है। इसके बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी।
किसी भी क्षेत्र में कदम रखने से पहले उस क्षेत्र के बारें में जानकारी होना जरुरी होता है। लेकिन मनदीप को खेती के बारें में जानकारी नहीं थी, यहां तक कि उन्हें यह भी नहीं मालूम था कि किस मौसम में किस फसल का उत्पादन किया जाता है और उसके लिए कितनी भूमि की आवश्यक्ता होती है। लेकिन वे अपने फैसले पर अडिग रहे और कृषि के बारें में जानकारी जुटाने के लिए मैग्जिन्स और किताबों का सहारा लिया।
खेती के बारें में जानकारी हासिल करने के बाद उन्होंने बंजर पड़ी अपनी उबड़-खाबड़ पुश्तैनी जमीन को बराबर कराया। चूंकि, जिस जमीन पर खेती करनी होती है वहां से जंगली पौधें को हटाना होता है ताकि फसल को नुक्सान न हो और पैदावार अच्छी हो। मनदीप ने भी कई दिनों तक काफी कठिन मेहनत करके जमीन को खेती करने लायक बनाया।
खेती में नहीं करते हैं रसायनों का प्रयोग
मनदीप वर्मा ने पहले ही तय कर लिया था कि, वे फसल के उत्पादन के लिए किसी प्रकार के रसायनों का प्रयोग नहीं करेंगे। उसके बाद उन्होंने भूमि के अनुसार सेब (Apple Farming) और कीवी की खेती (Kiwi Farming) करने का फैसला किया। चूंकि, हिमालयी जमीन पोषक तत्वों से भरपूर होती है इसलिए उन्हें अधिक कुछ करने की जरुरत नहीं पड़ी। मनदीप चाहते थे कि वे खेती में बेहतर करें, इसके लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की मदद ली और करने का फैसला किया।
सालाना 40 लाख रुपये होती है कमाई
एक इंटरव्यू के दौरान वह बताते हैं कि, पोषक तत्वों से भरपूर कीवी एक विदेशी फल है, जिसका मार्केट काफी अच्छा है। उन्होंने हेवर्ड और एलिसिन किस्म के कीवी के 150 पौधें खरीदकर जमीन के एक छोटे-से टुकड़े पर लगाया। खेती करने के साथ-साथ वह 12 हजार की दो नर्सरी भी चलाते हैं। उन्हें के पौधें को बेचकर भी अच्छा-खासा मुनाफा कमाते हैं। वर्तमान में उनके फार्म में कीवी के 700 पौधें हैं, जिससे उन्हें 9 टन फलों का उत्पादन होता है। उनके फार्म में सेब के 1,200 पेड़ हैं। आज उन्हें खेती से सालाना 40 लाख रुपये की आमदनी होती है।