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16 करोड़ लोगों और सैन्यकर्मियों से जुड़ा डाटा कॉल सेंटर के जरिए बेंचा
Paliwalwaniहैदराबाद :
तेलंगाना में साइबराबाद पुलिस ने सरकार और महत्वपूर्ण संस्थानों के संवेदनशील डेटा समेत 16.8 करोड़ नागरिकों और सैन्यकर्मियों की निजी जानकारी लीक करने में संलिप्त गिरोह के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरोह पर डेटा चोरी और इसकी बिक्री करने का आरोप है. डेटा चोरी में 1.2 करोड़ व्हाट्सएप उपयोगकर्ताओं और 17 लाख फेसबुक उपयोगकर्ताओं को भी निशाना बनाया गया.
साइबराबाद पुलिस आयुक्त एम. स्टीफन रवींद्र ने बृहस्पतिवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि आरोपियों को 140 से अधिक विभिन्न श्रेणियों की जानकारी बेचते हुए पाया गया, जिसमें सैन्यकर्मियों का संवेदनशील विवरण और नागरिकों तथा नीट के छात्रों के मोबाइल नंबर शामिल हैं.
पुलिस ने कहा कि डेटा चोरी के आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि आरोपी नोएडा और अन्य स्थानों पर तीन कंपनी (कॉल सेंटर) के जरिये डेटा चोरी को अंजाम दे रहे थे. पुलिस के मुताबिक, अब तक पता चला है कि आरोपी ने कम से कम 100 जालसाजों को डेटा बेचा. उन्होंने कहा कि यह पाया गया कि आरोपियों ने 50,000 नागरिकों का डेटा 2,000 रुपये से कम में बेचा था.
पुलिस आयुक्त ने कहा कि आरोपियों के पास सैन्यकर्मियों का संवेदनशील डेटा उपलब्ध था, जिसमें उनकी रैंक, ईमेल आईडी, तैनाती का स्थान आदि शामिल है. उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर इसके गंभीर निहितार्थ होंगे. सैन्य और सरकारी कर्मचारियों का डेटा जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि यह डेटा कैसे लीक हुआ और इसके पीछे किसका हाथ है.’’
पुलिस के मुताबिक, आरोपी ऊर्जा एवं बिजली क्षेत्र, पैन कार्ड डेटा, सरकारी कर्मचारियों, डीमैट खाताधारकों, क्रेडिट एवं डेबिड कार्ड धारकों समेत अन्य कई श्रेणियों का विवरण बेचते पाए गए. पुलिस ने कहा कि आरोपी एक ‘कॉन्टैक्ट डिटेल डायरेक्टरी’ सेवाप्रदाता और इसी तरह के अन्य मंचों के जरिये ऑनलाइन डेटा बेच रहे थे. उन्होंने दावा किया कि लीक हुआ डेटा साइबर अपराधियों को बेचा गया है. पुलिस ने कहा कि जिन मंचों के माध्यम से डेटा की बिक्री की गई उनके खिलाफ नोटिस जारी किया जाएगा और उनके खिलाफ भी जांच और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साइबराबाद पुलिस की साइबर अपराधा शाखा में गोपनीय और संवेदनशील डेटा की बिक्री और खरीद के बारे में एक शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद यह मामला सामने आया है.