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सिर्फ 1 रुपये का दान देकर बचा सकते हैं 12,500 रुपये का टैक्स, जानिए कैसे
Paliwalwaniआयकर विभाग की नई वेबसाइट को लॉन्च हुए काफी वक्त हो गया है, लेकिन अभी भी लोगों को वेबसाइट पर कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में कुछ समय पहले ही वित्त वर्ष 2020-21 यानी असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है। जिन लोगों की टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये तक है, वह तो चिंतामुक्त दिख रहे हैं, लेकिन जिनकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख से थोड़ी भी ज्यादा है वह टैक्स प्लानिंग में लगे हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि 5 लाख रुपये तक की टैक्सेबल इनकम पर इफेक्टिव रूप से कोई टैक्स नहीं लगता है।
टैक्स स्लैब के अनुसार 2.5 लाख से ऊपर की टैक्सेबल इनकम पर टैक्स लगता है, लेकिन अगर आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये या उससे कम होती है तो आपको धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये तक की छूट मिल जाती है। यानी 2.5 लाख रुपये पर लगने वाले 5 फीसदी टैक्स 12,500 रुपये की छूट। ऐसे में आपके ऊपर लगने वाला इफेक्टिव टैक्स शून्य हो जाता है। हालांकि, इस सूरत में भी आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी है, भले ही आप पर कोई टैक्स ना लग रहा हो।
सैलरी 5 लाख रुपये तक है तब तो कोई बात नहीं, लेकिन मान लीजिए कि आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख 1 रुपये या उससे अधिक है तो आपका टैक्स शून्य नहीं रहेगा। ऐसी स्थिति में आपको 2.5 लाख से 5 लाख 1 रुपये के बीच की रकम यानी 2,50,001 रुपये पर भी टैक्स देना होगा। टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से अधिक होने की वजह से आपको 87ए के तहत रिबेट नहीं मिलेगी। यानी ऐसे में आप पर 12,500 रुपये का टैक्स लगेगा। टैक्सेबल इनकम 5 लाख से अधिक होने पर टैक्स की गणना 2.5 लाख रुपये से ऊपर की सारी रकम पर होती है।
अगर आपकी टैक्सेबल इनकम महज 1 रुपये की वजह से 5 लाख से अधिक हो गई है और आप सारे निवेश कर चुके हैं तो आपको 1 रुपये दान में दे देने चाहिए। यानी महज 1 रुपये दान देने से 80जी के तहत आपको छूट मिलेगी और आपकी टैक्सेबल सैलरी 5 लाख रुपये के दायरे में आ जाएगी। इस तरह 1 रुपया दान देकर आप 12,500 रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं।
अगर आप 1 रुपये दान देकर अपना टैक्स बचाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे जरूरी चीज ये है कि आप अपने टैक्स की प्लानिंग साल शुरू होने के साथ ही शुरू कर दें। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस साल में आपने दान दिया है, उसी साल का आईटीआर फाइल करने के दौरान आपको इसका फायदा मिल सकेगा। ऐसे में अगर आपने पहले से ही प्लानिंग नहीं की तो बाद में आपको सिर्फ 1 रुपये सैलरी अधिक होने की वजह से 12,500 रुपये तक का टैक्स चुकाना पड़ेगा।