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निकाय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत : 102 पर कब्जा

Paliwalwani
निकाय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत  : 102 पर कब्जा
निकाय चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत : 102 पर कब्जा

पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल निकाय चुनाव को लेकर राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने ताजा अपडेट में अहम जानकारी दी है. राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी ने कहा है कि सत्तारूढ़ टीएमसी ने 108 नगर पालिकाओं में से 102 पर कब्जा कर लिया है.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हुए निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत दिलाने के लिए बुधवार को लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने जीतने वाले प्रत्याशियों और समर्थकों से विनम्रता के साथ काम करने को कहा.

27 फरवरी 2022 को राज्य की 107 नगरपालिकाओं के लिए हुए चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को शानदार जीत मिली है और उसने 102 निकायों पर कब्जा किया है. बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘हमें एक बार फिर शानदार जनादेश देने के लिए मैं हृदय से मां-माटी-मानुष के प्रति आभार व्यक्त करती हूं. निकाय चुनाव में जीतने वाले अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवारों को बधाई.’

उन्होंने कहा, जीत ने हमारी जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता को बढ़ा दिया है. जीत को विनम्रता से लें और विनम्र हो कर काम करें. आइये, मिलकर राज्य में शांति, समृद्धि और विकास के लिए कार्य करें. जय बंगाल.

राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और नंदीग्राम से विधायक शुभेंदु अधिकारी का ‘गढ़’ मानी जाने वाली कांथी नगरपालिका में जीत हासिल की है, जबकि उत्तर बंगाल की पहाड़ों की राजनीति में नवआगंतुक ‘हमरो पार्टी’ ने तृणमूल कांग्रेस, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा और भाजपा को पछाड़ कर दार्जिलिंग नगरपालिका पर कब्जा कर लिया है.

माकपा नीत वाम मोर्चा को नदिया जिले के ताहेरपुर नगरपालिका में जीत मिली है. भाजपा और कांग्रेस को अब तक किसी नगर निकाय में जीत नहीं मिली है, लेकिन ये दल कुछ शहरों के कुछ वार्डों में आगे चल रहे हैं. राज्य निर्वावन आयोग के अधिकारी ने कहा, तृणमूल पहले ही 93 नगरपालिकाओं में जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि सात अन्य नगर पालिकाओं में उसे बढ़त हासिल है. वाम मोर्चा और हमरो पार्टी ने एक-एक निकाय में जीत दर्ज की है.

तृणमूल कांग्रेस ने 27 नगरपालिकाओं में सभी वार्डों पर जीत दर्ज कर वहां विपक्ष को शून्य पर पहुंचा दिया है. कम से कम चार नगर पालिकाएं ऐसी हैं, जहां पर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इनमें मुर्शिदाबाद की बेलडांगा, पुरुलिया जिले की झालदा, हुगली जिले की चाम्पदानी और पूर्वी मिदनापुर की इगरा नगरपालिका शामिल हैं और यहां से जीते निर्दलीयों की भूमिका अहम हो गई है.

शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस ने कांथी नगरपालिका में जीत हासिल की है जिसे गत चार दशक से अधिकारी परिवार का ‘गढ़’ माना जाता था.

नेता प्रतिपक्ष अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी वर्ष 1971 से 2009 के बीच (केवल एक बार वर्ष 1981-86 को छोड़कर) कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष रहे हैं. यह अवधि करीब 25 साल है. सांसद बनने के बाद उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने बेटे दिब्येंदु अधिकारी को सौंपी. दिब्येंदु अधिकारी जब वर्ष 2016 का लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद बने तो उन्होंने यह जिम्मा अपने छोटे भाई सौमेंदु को सौंपा. पूर्व जीएनएलएफ नेता और दार्जिलिंग के मशहूर रेस्तरां कारोबारी अजॅय एडवर्ड द्वारा बनाई गई हमरो पार्टी ने पांरपरिक रूप से सत्ता में रही जीजेएम, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस को हराकर शहर की नगरपालिका पर कब्जा किया है.

अधिकारी के मुताबिक, 108 नगर निकायों में चुनाव होने थे लेकिन कूचबिहार जिले की दिनहाटा नगरपालिका में कुछ दिन पहले तृणमूल कांग्रेस निर्विरोध निर्वाचित हुई. विधानसभा चुनाव के करीब एक साल बाद कराए गए नगर निकाय चुनाव में राज्य के विभिन्न हिस्सों से हिंसा, धांधली और पुलिस से झड़प की खबरें आई थी.

भाजपा ने इस चुनाव प्रक्रिया को  लोकतंत्र का मजाक करार देते हुए हिंसा के खिलाफ सोमवार को 12 घंटे का बंद बुलाया था. वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को आधारहीन बताकर खारिज कर दिया. तृणमूल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां हार का आभास होने के बाद बहाना तलाश रही हैं.

 

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