मुम्बई

पालीवाल गौरव : ईमानदार होने का मतलब रमेश पालीवाल के जीवन से सीखे : जन्मदिन पर विशेष...

मनीष पालीवाल-केसुली...✍️
पालीवाल गौरव : ईमानदार होने का मतलब रमेश पालीवाल के जीवन से सीखे : जन्मदिन पर विशेष...
पालीवाल गौरव : ईमानदार होने का मतलब रमेश पालीवाल के जीवन से सीखे : जन्मदिन पर विशेष...

मुंबई (मनीष पालीवाल-केसुली...✍️) ईमानदार होने का मतलब है, सच्चा और कपट से मुक्‍त होना, ईमानदारी करती है कि आप दूसरों से व्यवहार करने में निष्कपट होंकर स्पष्टवादी, सम्मान्य हों, छलपूर्ण या गुमराह कराने वाले नहीं. एक ईमानदार व्यक्ति ख़राई पर चलने वाला मनुष्य कहा जाता हैं और इन्हीं तमाम विशेषताओं से परिपूर्ण है रमेश भाई पालीवाल का व्यक्तित्व. 

●  छोटा सा गांव मगर नाम बड़ा : राजस्थान के राजसमंद जिले के एक छोटे से केसुली गांव के निवासी रमेश भाई अपने पिता द्वारा मिली विरासत को अभिकर्ता के रुप में पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाते हुए भारतीय डाक विभाग के लक्ष्य को जन-जन तक पहुंचा रहे हैं.  11 जुलाई 1983 में श्री भीमशंकर जी पालीवाल की धर्मपत्नी सपसं देवी की कोख से जन्म लेने वाले रमेश भाई ने स्कूली शिक्षा केसुली करोली और नाथद्वारा मैं पूर्ण की, उसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी उदयपुर में पुरी की. उसके बाद रोजगार की तलाश में यह मुबंई में भी रहे और शेयर मार्केट के संबंधित कार्यों को समझने का प्रयास किया लेकिन कुछ दिनों बाद ही है पुनः कुच मेवाड़ गए. 

●  प्रभु श्रीनाथजी के आशीर्वाद से संजय सेठी जी ने जीवन की दिशा को परिवर्तित किया : कालांतर में इन्होंने अपने गांव से ही भारतीय डाक विभाग के अभिकर्ता के रूप में अपना कैरियर शुरू किया और लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवानी शुरू की जिसके चलते इनके व्यवसाय ने गति पकड़ी. ग्राहकों के हितों की रक्षा करने के लिए रमेश भाई एक बेहतरीन अभिकर्ता के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं, उनके क्लाइंट गांव से लेकर महानगरों तक फैले हुए हैं. रमेश भाई की सफलता में उनका मार्गदर्शन करने वाले नाथद्वारा निवासी संजय सेठी का महत्वपूर्ण योगदान है. रमेश भाई हमेशा यह स्वीकार करते हैं, प्रभु श्रीनाथजी के आशीर्वाद से संजय सेठी जी ने उनके जीवन की दिशा को परिवर्तित कर दिया है. इस उपकार को वह कभी भूल नहीं सकते. रमेश भाई अपने जीवन में शिक्षक बनना चाहते थे लेकिन विधि का विधान उन्हें आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में प्रतिष्ठित कर गया है. 

ईमानदार होने का मतलब रमेश पालीवाल के जीवन से सीखे

●  ईमानदारी की प्रतिमूर्ति : रमेश भाई वाकई में ईमानदारी की प्रतिमूर्ति हैं लाखों के लेन-देन में आज दिन तक किसी भी ग्रामीण की शिकायत नहीं रही कि उन्होंने हमारे साथ गलत व्यवहार किया या लेन-देन में कोताही बरती. हर व्यक्ति के छोटे से आदेश पर उपस्थित होने वाले रमेश भाई गांव की विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में भी निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप से जुड़े हुए हैं. परिवार में माता-पिता सहित धर्मपत्नी गंगा देवी सहित पुत्र पुत्रियों का भी आपको निरंतर साथ और सहयोग मिलता हैं.

ईमानदार होने का मतलब रमेश पालीवाल के जीवन से सीखे

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