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महाराष्ट्र में सियासी भूचाल : अजित पवार महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम, खतरा कम नहीं
Paliwalwani
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अजित पवार ने रविवार को बड़ी हलचल मचाई और बिना किसी को भनक लगे महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गए। उन्होंने एनसीपी के 40 विधायकों के साथ शिंदे और बीजेपी के गठबंधन सरकार को ज्वाइन कर लिया। इसे लेकर दिनभर महाराष्ट्र की सियासत गरमाई रही और विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को इसका जिम्मेदार ठहराया और जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस सियासी भूचाल की गूंज बिहार से जम्मू तक सुनाई दी।
सियासी घटनाक्रम के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा- अजित पवार के साथ एनसीपी के 53 विधायक थे। अगर 36-37 विधायक अजित के साथ जाते हैं तो दल-बदल कानून के दसवें परिशिष्ट के तहत अयोग्य करार होने से बच सकते हैं, लेकिन यदि अजित के पास 35 से कम बचते हैं तो डिस्क्वालिफिकेशन होना तय है। जो शिवसेना के साथ हुआ था वह अजित पवार के साथ हो सकता है।
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अजित पवार पर भी खतरा कम नहीं
अजित पवार के साथ गए एनसीपी के विधायकों की कुल संख्या कितनी है, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। यदि अजित के साथ 40 विधायक हुए तो एनसीपी आधिकारिक रूप से टूट जाएगी। अजित को पार्टी का नाम और सिंबल दोनों मिल सकते हैं, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो एनसीपी के बागी विधायकों के साथ वे अयोग्य साबित हो सकते हैं। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी के 53 विधायक हैं। अजित पवार को पार्टी के लिए दो तिहाई बहुमत का आंकड़ा पार करने की जरूरत है। ये आंकड़ा 36 बैठता है। यदि 36 विधायकों का आंकड़ा पार हो गया तो एनसीपी चीफ शरद पवार के हाथ से पार्टी और चुनाव चिह्न दोनों छिनने का खतरा बढ़ जाएगा। अजित पवार अब या तो राज्यपाल के सामने या फिर विधानसभा में इस 36 के आंकड़े को साबित कर सकते हैं।
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महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा-आश्चर्य की बात है
पृथ्वीराज चव्हाण, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता ने कहा कि ''मुझे आश्चर्य है कि 2 दिन पहले पीएम मोदी ने भोपाल में अपने कार्यकर्ताओं के सामने कहा था कि एनसीपी ने 70,000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया...मैंने मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में सुना है, लेकिन यह मिनिस्टर लॉन्ड्रिंग है...महाराष्ट्र के लोग करेंगे'' उन्हें कभी माफ न करें...: