मध्य प्रदेश
ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल ने त्वरित बुलाई बैठक
sunil paliwal-Anil Bagoraअर्चना चिटनिस ने माना आभार
बुरहानपुर. नई दिल्ली स्थित जल शक्ति मंत्रालय में ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना को लेकर बैठक हुई। इसमें केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल को पूर्व मंत्री एवं विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रजेंटेशन केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण विभाग राज्य मंत्री श्रीमती रक्षाताई खड़से,सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की उपस्थिति में दिखाया और मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र को होने वाले लाभ सहित भूजल संवर्धन की वृद्धि का महत्व बताया।
केन्द्रीय मंत्री श्री पाटिल ने भारत सरकार द्वारा उक्त प्रस्तुत डीपीआर का भारत सरकार की तकनीकी अथोरिटी को निर्देशित किया कि एक माह इसका बारीकी से अध्ययन पूर्ण करें। आगामी दिनों में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की दोनों सरकारों के स्तर पर जल विभाजन पर सहमति बनने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकेगा। इसका प्रजेंटेशन तापी कार्पाेरेशन जलगांव से आए अधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री सी.आर.पाटिल के सामने प्रस्तुत किया।
ज्ञात रहे दो दिन पूर्व ही नई दिल्ली में श्रीमती चिटनिस ने ‘‘ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना‘‘ परियोजना को लेकर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल से भेंट कर उन्हें प्रजेंटेशन देखने हेतु विशेष आग्रह किया था। जिस पर केन्द्रीय मंत्री सी.आर.पाटिल ने बुरहानपुर सहित ताप्ती कछार के किसानों और जनता के लिए इस महती योजना को समझते हुए 48 घंटे के भीतर ही प्रजेंटेशन देखने का समय दिया। इस त्वरित हुई बैठक की अगुवाई केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण विभाग राज्य मंत्री श्रीमती रक्षाताई खड़से ने की।
जिसके लिए श्रीमती चिटनिस ने आभार माना। श्रीमती अर्चना चिटनिस बैठक में जलगांव के सांसद रहे स्व.हरिभाउ जावड़े का भी स्मरण किया गया। वहीं जलगांव के वी.डी.पाटिल भी का महत्वपूर्ण योगदान इस योजना को यहां तक लाने में रहा है। श्रीमती चिटनिस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथराव शिंदे, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस एवं महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन एवं मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट द्वारा ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना के क्रियान्वयन हेतु दिए गए सहयोग एवं किए जा रहे प्रयासों के लिए आभार माना।
केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण विभाग राज्य मंत्री श्रीमती रक्षाताई खड़से ने भी इस योजना से होने लाभ के बारे में मंत्री जी से विस्तार से चर्चा की। इस अनौपचारिक व महत्वपूर्ण बैठक में खंडवा लोकसभा क्षेत्र के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने भी इस योजना के शीघ्रता-शीघ्र क्रियान्वयन करने के लिए अपना आग्रह रखा। बैठक में नेपानगर विधायक सुश्री मंजू राजेन्द्र दादू भी सहभागिता रही।
बैठक में विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल को ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना का तकनीकी दृष्टि से संपूर्ण ऐतिहासिक घटनाक्रम बताया। वर्ष 1999 में सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड, भारत सरकार द्वारा एक प्रकाशन किया गया जिसमें उन्होंने एक मेगा रिचार्ज की संभावना सतपुड़ा की तलहटी मेें उपस्थित बजाडा झोन की स्थिति को बताया। इस प्रकाशन को भूमिगत जल भरण के आर्टिफिशियल रिचार्ज का मास्टर प्लान भी कहा गया।
तत्पश्चात लंबे प्रयासों के बाद केन्द्र व राज्यों सरकार के सतत् पत्राचार के बाद, सिविल सोसायटी के वैज्ञानिकों से उन्मीखीकरण के पश्चात अखबारों और मैगजीन में ताप्ती मेगा रिचार्ज के सतत प्रकाशनों के बाद 4 अगस्त 2009 को मुंबई में महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सरकार तत्कालीन जल संसाधन मंत्री एवं तत्कालीन शिक्षा मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस की उपस्थिति में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की सैद्धांतिक सहमति बनाई गई। क्योंकि इस प्रकार के वृहद और विस्तृत भूमिगत जल पुनर्भरण की देश और दुनिया में कही भी उपलब्ध नहीं थी तो ताप्ती मेगा रिचार्ज को मान्यता मिल पाने में अनेकों स्तर पर कठिनाई व रूकावट निरंतर आती रही।
वर्ष 2014 माननीय नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के पश्चात 31 दिसंबर 2014 को टेक्नोटयूशन का टास्क फोर्स बनाया गया। जिसमें 6 माह की अवधि में फिजिबिलीटी रिपोर्ट भारत सरकार को प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया। केन्द्र एवं राज्य सरकारों की अनेकों स्तर पर कई बैठकों के पश्चात 5 अक्टूबर 2015 को टास्क फोर्स ने फिजिबिलीटी रिपोर्ट प्रस्तुत की। 9 जनवरी 2016 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री एवं भारत सरकार के जल संसाधन मंत्री के सम्मुख फिजिबिलीटी रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया।
इस फिजिबिलीटी (पीएफआर) एक वृहद प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर बनाने का निर्देश 13 जनवरी 2016 को दिया गया। जिसके लिए एक नया डिविजन जलगांव में प्रारंभ किया गया तथा डब्ल्यूएपीसीओएस ‘‘वेपकास‘‘ को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए तथा वेपकास के साथ 5 मई 2016 को मेमोरेंडम एण्ड एग्रीमेंट पर सभी पक्षों द्वारा हस्ताक्षर कर दिए गए। महाराष्ट्र के एसएलटीएसी से तकनीकी सहमति लेकर यह डीपीआर मध्यप्रदेश सरकार, महाराष्ट्र और भारत सरकार को 07 दिसंबर 2023 को पेश की जा चुकी है।