Thursday, 07 August 2025

मध्य प्रदेश

ग्वालियर में दो तस्वीरें चर्चा में : पहली बार रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, हाथ जोड़कर माथा टेका, कांग्रेस विधायक ने छुए सिंधिया के पैर

Paliwalwani
ग्वालियर में दो तस्वीरें चर्चा में : पहली बार रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, हाथ जोड़कर माथा टेका, कांग्रेस विधायक ने छुए सिंधिया के पैर
ग्वालियर में दो तस्वीरें चर्चा में : पहली बार रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया, हाथ जोड़कर माथा टेका, कांग्रेस विधायक ने छुए सिंधिया के पैर

ग्वालियर (एजेंसी)। ग्वालियर में दो तस्वीरें बहुत चर्चा में हैं। पहली- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का पहली बार झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर हाथ जोडऩा और शीश झुकाना। दूसरी- एक कार्यक्रम के मंच पर कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार का सिंधिया के पैर छूना। ग्वालियर में ज्योतिरादित्य ने सिंधिया परिवार का इतिहास बदलने की कोशिश की। उन्होंने वो कर दिया, जो अब तक सिंधिया घराने के किसी महाराज ने नहीं किया। ज्योतिरादित्य रविवार को भीड़ से अलग होकर अपने समर्थक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के साथ अचानक झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंच गए। समाधि के सामने हाथ जोड़े और शीश झुकाकर लक्ष्मीबाई को नमन किया। इतना ही नहीं, वहां 2 मिनट रूककर प्रार्थना की और पुष्पांजलि भी दी। समाधि की एक परिक्रमा भी लगाई। यहां कुछ देर ठहरने के बाद वह निकल गए। उनका यह वीडियो सोमवार सुबह सामने आया।

यह किसी से छिपा नहीं है कि जब भी सन् 1857 की क्रांति और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की बात होती है तो सिंधिया परिवार की भूमिका उनके विरोधी के रूप में याद की जाती है। हिंदूवादी संगठन चुनावों में भी इसका जिक्र करते रहे हैं। वे इसे लक्ष्मीबाई के साथ सिंधिया परिवार की गद्दारी कहकर मुद्दे को हवा देते रहे हैं। हालांकि, ज्योतिरादित्य जब से कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं तब से ये कयास लगाए जा रहे थे कि क्या वे लक्ष्मीबाई की समाधि पर आएंगे?

ज्योतिरादित्य इसलिए गए समाधि पर : माना जा रहा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद से सिंधिया पर लगातार दबाव था कि लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाएं क्योंकि, भाजपा के हिंदूवादी नेता उन पर अंदर ही अंदर इसे लेकर कटाक्ष कर रहे थे। यही वजह है कि ज्योतिरादित्य को रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाना पड़ा। इसके पीछे की वजह राजनीतिक भविष्य है। उन्हें भाजपा में आगे बढऩा है, इसलिए यह बैरियर तोडऩा पड़ा है। अब उनके कहने और बोलने के लिए कुछ नहीं बचा। साथ ही सिंधिया ने भी दिखा दिया कि उन्होंने भाजपा को राजनीतिक महत्वकांक्षा पूरी करने ही ज्वॉइन नहीं की है, बल्कि दिल से आत्मसात किया है।

…और कांग्रेस विधायक ने सिंधिया के पैर छूकर लिया आशीर्वाद

सोमवार को एक और मामला भी सामने आया है। भाजपा के पूर्व नेता और वर्तमान में कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हालांकि यह पहला मौका नहीं है। इससे पहले भी कांग्रेस विधायक मंच से ज्योतिरादित्य की तारीफ कर उनके लिए अपना आदर दिखा चुके हैं। इतना ही नहीं, पैर छूने के बाद सिकरवार ने मंच से सिंधिया परिवार का यशगान भी किया। इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में उनके जल्द पाला बदलने की चर्चा है। हालांकि इस कार्यक्रम के कुछ घंटे बाद तानसेन समारोह के मंच पर जगह न मिलने पर कांग्रेस विधायक सिकरवार प्रशासन से नाराज होकर मंच से उतर गए थे। बाद में उन्हें मना लिया गया था।

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