मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश में हजारों किसान अर्धनग्न होकर, बुरहानपुर में 'अन्नदाता'! बोले- मांगें पूरी होने तक नहीं पहनेंगे शर्ट-चप्पल
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मध्यप्रदेश में हजारों किसान अर्धनग्न होकर
मध्यप्रदेश के Burhanpur में हजारों किसान अर्धनग्न होकर MSP demand और Banana crop insurance को लेकर सड़क पर उतरे. Kishor Vasanakar के नेतृत्व में हुआ, यह Half naked farmers protest सोशल मीडिया पर तेजी से viral हो रहा है.
बुरहानपुर.
बुरहानपुर में किसानों का गुस्सा अब आंदोलन में बदल गया है, किसानों ने अर्धनग्न होकर सड़कों पर उतरकर केला फसल के बीमा और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की मांग की. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्टर कार्यालय तक रैली निकाली, जहां किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई.
किसानों का कहना है कि पूरे देश में केला फसल का बीमा होता है, लेकिन बुरहानपुर में 2018 से इसे बंद कर दिया गया है. खकनार के किसानो ने विरोध के रूप में शर्ट और चप्पल पहनना भी छोड़ दिया है और प्रण लिया है कि जब तक फसल बीमा और MSP नहीं लागू होते, वे कपड़े नहीं पहनेंगे.
किसानों की बड़ी मांग है कि केला फसल पर बीमा लागू किया जाए और MSP पर केला खरीद की व्यवस्था की जाए. किसानों का कहना है कि 2018 से केला फसल बीमा बंद है, जिससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. “एक जिला एक उत्पाद” योजना में शामिल होने के बावजूद उन्हें इसका लाभ नहीं मिल रहा. हर साल तूफान और बारिश से फसल बर्बाद होती है, लेकिन राहत न के बराबर मिलती है.
अर्धनग्न रैली के दौरान किसानों की पुलिस से झड़प भी हुई...किसानों की सरकार से अपील है, “हमारा हक दो, मेहनत का मोल दो...!”
महाराष्ट्र में मिला लाभ, MP में क्यों नहीं?
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान किशोर वासनकर ने बताया कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में केला किसानों को मौसम आधारित फसल बीमा का लाभ मिल रहा है. हाल ही आई आपदा में वहां किसानों को करोड़ों रुपए की बीमा राशि दी गई, जबकि मध्यप्रदेश में 2018 से केला बीमा बंद है.
किसानों की दीपावली भी रही फीकी
किशोर वासनकर ने भावुक होकर कहा कि हालात इतने खराब हैं कि किसानों के पास दीपावली पर बच्चों के लिए नए कपड़े या पटाखे तक खरीदने के पैसे नहीं हैं. इसलिए उन्होंने प्रण लिया है कि जब तक बीमा और MSP नहीं मिलेगा, तब तक शर्ट और चप्पल नहीं पहनेंगे.
सरकार अब तक मौन क्यों है?
किसानों का कहना है कि हमने कई बार जिला कलेक्टर, मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तक अपनी समस्या पहले ही पहुंचा दी है, पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसी के विरोध में मंगलवार को किसानों ने पैदल रैली निकालकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा.





