इंदौर
नोटा का धब्बा लेकर देशभर में इंदौर का नाम खराब करने करने वाले नही बन पाए मंत्री
paliwalwani
जुगाड कर मलाई खाने में माहिर साई के सारे हड़कंडे हुए धराशायी
भूपेंद्र नामदेव
इंदौर.
इंदौर लोकसभा सीट को विपरीत परिस्थितियों में लगातार आठ बार जीतकर ताई ने इंदौर का नाम देशभर में स्वर्णमयी अक्षरों में लिखा. उसी इंदौर लोकसभा सीट को नोटा का धब्बा लगाकर देशभर में नाम खराब करने वाले आखिर मंत्री नही बन पाए.
मंत्री पद का सपने सजोए बैठे श्री शंकर लालवानी कभी सिंधी समाज की आड़ में तो कभी सबसे ज्यादा वोटो से जीत बताकर मंत्री पद के सपने देख रहे थे. लेकिन जुगाड कर मलाई खाने में माहिर साई के सारे हड़कंडे आज उस समय धराशायी हो गए, जब मंत्रियों ने शपथ ली.
सूत्रों की माने तो श्री शंकर लालवानी खुद को केबिनेट मंत्री मान बैठे थे. इसीलिए उनके खास चमचों ने पहले ही तैयारी कर ये कहा था की भैया इस बार शपथ हिंदी में ही लेना सिंधी में ली तो लफड़ा हो जायेगा. साई को मंत्री बनने से रोकने में ताई का विरोध भी रोड़ा बन गया, जिसमे ताई ने जमकर विरोध दिखाया था.
पहली बार जब साई को टिकिट मिला तो वो सबसे पहले ताई के चरणों में ऐसे गिरे थे, जैसे उनके सिवा उनका कोई नही है. लेकिन चुनाव जीतते ही ताई को साई ने पलटकर देखा भी नहीं. उसी ताई ने मौका मिलते ही साई से भी हिसाब चुकता कर लिया. अब भैया के चमचे एक बार फिर निराश होकर दो दिन बाद से होने वाले मालवा उत्सव में जुट गए है और भैया बेग पैक कर इंदौर के लिये.