इंदौर
हनुमान मंदिर पर चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में आज होगा रुक्मणी विवाह
Paliwalwani
भक्ति निष्काम और निर्दोष होना चाहिए
इंदौर :
भगवान का अवतरण भक्तों की रक्षा और दुष्टों के नाश के लिए हुआ है। उनकी लीलाओं में प्राणीमात्र के प्रति सदभाव और कल्याण का चिंतन होता है। संसार की दृष्टि से भगवान की लीलाओं का चाहे जो अर्थ-अनर्थ निकाला जाए, यह शाश्वत सत्य है कि यदि हमारी भक्ति अडिग और अखंड रहेगी तो भगवान को रक्षा के लिए आना ही पड़ेगा। भक्ति निष्काम और निर्दोष होना चाहिए। भक्ति मनुष्य को निर्भयता प्रदान करती है।
ये दिव्य विचार हैं नीलांचल धाम ओंकारेश्वर की भागवताचार्य सुश्री सर्वेश्वरीदेवी के, जो उन्होंने एयरपोर्ट रोड स्थित सुखदेव नगर में सुखदेव वाटिका, पंचवटी हनुमान मंदिर पर चल रहे भागवत ज्ञान यज्ञ में भगवान की बाल लीलाओं एवं गोवर्धन पूजा की व्याख्या के दौरान व्यक्त किए। कथा में गोवर्धन पूजा का उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। बाल-ग्वालों ने भगवान के साथ गोवर्धन पर्वत को 56 भोग समर्पित किए। ‘छोटी-छोटी गैया, छोटे-छोटे ग्वाल’ भजन पर समूचा पांडाल थिरक उठा।