इंदौर
इंदौर नगर निगम में 20 साल से नियुक्तियां नहीं, नियमित कर्मचारी सिर्फ 1315 : उठने लगी है मांग, कर्मचारी के पक्ष में आए सत्ता पक्ष के विधायक
Ayush paliwalइंदौर : निगम के मस्टरकर्मी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, रजनीश शर्मा के अनुसार इंदौर नगर निगम में कुल 17 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें करीब 12 हजार दैनिक वेतनभोगी व मस्टरकर्मी हैं. इन 12 हजार कर्मचारियों में भी 6982 मस्टरकर्मी, 1974 सुपर स्टाफ विनियमित श्रेणी में हैं. इसके अलावा 2310 सफाईकर्मी शामिल हैं. निगम में मात्र 1315 ही नियमित कर्मचारी हैं. नगर निगम द्वारा वर्ष 2011 में 149 कर्मचारियों को नियमित किया गया था. इनमें वो कर्मचारी शामिल थे जो 10 अप्रैल 1996 से निगम में कार्यरत थे. निगम के कर्मचारी संगठनों द्वारा पिछले 20 साल से कर्मचारियों को नियमित करने की मांग लगातार की जा रही है. इसके बाद भी अभी तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका है. निगम में आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से 1200 से अधिक कर्मचारियों को रखा गया है. इनसे जोनल कार्यालयों पर आफिस, कंप्यूटर आपरेटर, बेलदार, माली सहित अन्य कार्य करवाए जा रहे हैं.
निगम के मस्टरकर्मी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रवीण तिवारी, रजनीश शर्मा के अनुसार शहर में मस्टरकर्मी व दैनिक वेतनभोगी पांच से साढ़े छह हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन में काम कर रहे हैं. इन कर्मचारियों को अपना घर चलाने में मुश्किल आती है. निगम में इनसे आठ से 12 घंटे तक काम लिया जाता है. ऐसे में इनका वेतन बढ़ाने की मांग हम लंबे समय से कर रहे हैं. 20 साल से निगम में कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हुई है. इस बीच कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए हैं या उनका निधन हो गया है. उनके स्थान पर भी नई नियुक्ति नहीं हुई है. मात्र अनुकंपा नियुक्ति ही हुई है. मस्टरकर्मी व दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के पक्ष में अब सत्ता पक्ष के विधायक श्री महेन्द्र हार्डिया और विधायक श्री आकाश कैलाश विजयवर्गीय को स्थाईकरण सहित अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं. लेकिन प्रशासन इस पर कोई असर होता हुआ नहीं दे रहा हैं, निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने भी मध्य प्रदेश के निर्णयानुसार निगम में कार्यरत विनियमित कर्मचारियों को लेकर आदेश क्रमांक 318 / एम/सी/21 दिनांक 28 जूलाई 2021 एक समिति का गठन किया गया था और दो माह की अवधि में स्पष्ट अनुशंसा के साथ बिंदुवार अलग-अलग संयुक्त हस्तांरित प्रतिवेदन/प्रस्ताव प्रस्तृत किया जावेगा. किन्तु उक्त आदेश भी हवा हवाई होकर रह गए. मस्टरकर्मी व दैनिक वेतनभोगी और विनियमित कर्मचारी कब स्थाई होगें ना सरकार को पता और ना ही निगम प्रशासन को हमेशा की तरहा छोटे कर्मचारी ऐसे ही छले जाएगा.