इंदौर
NO. 1 : श्रीमती खरखडिय़ा ने ट्रांसओसिआना वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज किया
Paliwalwaniइंदौर : माँ अहिल्या की पवन नगरी में एक के बाद एक वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित करने में इंदौर कई शहरों से बहुत दुर पहुंच गया. शायद कई वर्षों तक इस रिकार्ड के आस-पास भी कोई शहर इंदौर के करीब आता हुआ दिखाई नहीं देगा. एक बार फिर स्वच्छता में नंबर 1 इंदौर की बेटी श्रीमती भाग्यश्री नवीन खरखडिय़ा के अद्द्भुत मानव सेवा, लावारिस शवों का अंतिम संस्कार उनके धर्म के अनुसार करने वाली दुनिया की पहली महिला के रूप में सामाजिक कार्य की सरहाना करते हुए ट्रांसओसिआना वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया है.
नई दिल्ली में हुए एक समारोह में श्रीमती भाग्यश्री नवीन खरखडिय़ा को समाजसेवी पदमश्री डॉ. जितेंद्र सिंह शंटी द्वारा दिया गया. इस अवसर पर गणमान्य के साथ समाजसेवी एवं झाबुआ के सांसद गुमान सिंह डामोर एवं आई.ए.एस. अधिकारी सूरज डामोर, डॉ. ज्योत जीत, मंजीत कौर शंटी उपस्थित थे.
इस मौके पर डॉ. जितेंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि भाग्यश्री जो कार्य कर रही है, वह असाधारण कार्य है. किसी महिला को उसका परिवार यह इजाजत नहीं देता, लेकिन भाग्यश्री खरखडिय़ा का परिवार भी उनके साथ खड़ा है और हर संभव मदद करता है.
समूचे देश के लिए यह गर्व की बात है कि भाग्यश्री खडख़डिय़ा यह महान कार्य कर रही है. कोरोना काल के पूर्व से ही भाग्यश्री लावारिस शवदाह संस्कार कर रही है. आप कई सामजिक कार्यो से जुड़ी है. स्वयं भाग्य श्री कहती है कि मुझे खुद नहीं पता की यह शक्ति मुझे कैसे आती है, पर मन को सुकून मिलता है और में भगवान् को धन्यवाद भी देती हूँ कि उन्होंने मुझे ऐसे कार्य के निर्वहन के लिए जन्म दिया. आगे आपने बताया की हाल ही में अपने जीजाजी की मृत्यु के 12 दिन के बाद ही मुझे एक दाह संस्कार करने का मौका मिला. परिवार में पति और बच्चे के अलावा पिता के साथ रहने वाली यह शख्सियत साधारण सा जीवन व्यतीत करती है.
अंत में आभार वर्ल्ड रिकॉर्ड्स टीम के बिजऩेस हेड जयेश कोठारी ने माना.