इंदौर
indore news : IDA के आदेश को घोलकर पी गए मेला आयोजक : बेधडक़ चल रहा बेशकीमती जमीन का समर कॉर्निवाल
Paliwalwaniइंदौर :
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विजयनगर चौराहे की करीब एक एकड़ बेशकीमती जमीन पर खाटूश्यामजी के नाम से कमर्शियल समर कॉर्निवाल लगाने वाली आयोजक संस्था ने समय सीमा निकलने के बाद भी इंदौर विकास प्राधिकरण में 27 लाख रुपए जमा नहीं कराए। प्राधिकरण की चेतावनी के बावजूद सोमवार को भी समर कॉर्निवाल जारी रहा।
उल्लेखनीय है कि समर कॉर्निवाल लगाने वाली संस्था ने विजयनगर चौराहे पर पांच हजार स्क्वेयर फीट जमीन की अनुमति लेते हुए एक एकड़ से अधिक जमीन पर कमर्शियल कॉर्निवाल लगाया। 43 दिन के लिए लगाए गए इस कॉर्निवाल में 30 रुपए प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है। कॉर्निवाल की अन्य एक्टिविटी की टिकिट अलग है। अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन शाम 4 बजे से रात 11 बजे तक 3000 से अधिक दर्शक आ रहे हैं।
पार्किंग शुल्क भी अलग से लिया जा रहा है। कॉर्निवाल में झूले, कोलम्बस नाव, टोराटोरा, ड्रेगन ट्रेन, ब्रेक डांस, सेल्फी झोन, चाट चौपाटी भी लगाए गए हैं, जिनसे बड़ी रकम ली गई है। भक्तियुक्त माहौल बनाने के उपद्देश्य से आयोजकों ने खाटूश्यामजी का दरबार भी सजाया है।
चार दिन पहले जब जमीन का खेल का पर्दाफाश हुआ तो इंदौर विकास प्राधिकरण ने 5 जून को आयोजक संस्था को जीएसटी सहित 27 लाख रुपए से अधिक धनराशि तीन दिन में जमा करने का नोटिस जारी किया। 7 जून 2023 को आयोजक प्राधिकरण पहुंचे और कहा उन्हें किसी तरह का नोटिस नहीं मिला। संपदा अधिकारी ने उन्हें 7 जून को सूचना पत्र सौंपा और तीन दिनों में सम्पूर्ण राशि जमा करने को कहा। संपदा अधिकारी ने बताया आयोजकों ने सोमवार शाम तक धनराशि जमा नहीं की।
उधर, आयोजकों ने संकेत दिए हैं कि वे इस मामले को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे, क्योंकि प्राधिकरण ने उन्हें पांच हजार स्क्वेयर मीटर की ही अनुमति दी थी। इस मामले में संपदा शाखा का कहना है कि टाईपिंग मिस्टेक के कारण पांच हजार स्क्वेयर फीट की जगह स्क्वेयर मीटर लिख दिया गया था। जब मामला सामने आया तो प्राधिकरण ने प्रतिदिन का लीज रेंट करीब 65,000 हजार रुपए निर्धारित किया।
आयोजक मामले को विश्व हिन्दू परिषद और आरएसएस के बड़े नेताओं तक भी ले गए हैं। राज्य शासन के एक निगम मंडल अध्यक्ष भी आयोजकों की पैरवी कर रहे हैं। इस बीच प्राधिकरण अध्यक्ष ने साफ किया है कि मेले की अवधि न केवल कम की जाएगी, बल्कि सम्पूर्ण राशि भी वसूल की जाएगी।
सूत्रों का कहना है कम जमीन उपयोग की अनुमति लेकर अधिक जमीन पर मेले लगाने का खेल बहुत पुराना है। इंदौर में विजयनगर और दशहरा मैदान पर बड़े मेले और धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। आयोजक छोटी-मोटी रसीद कटाकर चांदी काटते रहते हैं। विजयनगर की इसी जमीन पर कुछ समय पहले भी ऐसा ही खेल करके मेला लगाया गया था, जिसमें आयोजकों द्वारा लीज रेंट जमा नहीं किया गया था। प्राधिकरण ने इस आयोजक को ब्लैक लिस्ट कर दिया है।