इंदौर
नेस्तनाबूद करो ब्याजखोरो को : पातालपानी के झरने में छलांग लगाकर मनीष खंडेलवाल ने अपनी जिंदगी की जंग हारी...
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इंदौर. (टोनी शर्मा की कलम...✍️) जिन 72 ब्याज खोरों के कारण मनीष खंडेलवाल ने पर्यटन स्थल पातालपानी के झरने में छलांग लगाकर अपनी जान दी, लेकिन पुलिस ने अभी तक पीड़ितों के बयान दर्ज नही किए. विगत दिनों इंद्रपुरी कॉलोनी महू निवासी मनीष खंडेलवाल ने पातालपानी के झरने में छलांग लगाकर अपनी जिंदगी को अलविदा कह दिय. लेकिन अभी तक पुलिस ने पीड़ित परिवार के लोगो से किसी तरह के बयान दर्ज नही करवाए. जबकि मृतक के भाई अनिल खंडेलवाल ने मीडिया को उन ब्याजखोरो के नाम की सूची सौंपी हैं. उनका कहना है कि पुलिस भी हमारी किसी तरह से मदद नही कर रही हैं. जबकि साफ उल्लेख है कि मनीष खंडेलवाल ने 72 लोगो से ब्याज पर पैसा लिया था. जिसमे कई लोगो को चुकता भी कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी मनीष को घर से उठा कर ले जाने की धमकी दे रहे थे. प्रथम दृष्टी से मामला यह सामने आ रहा है, जिसमे 72 लोग शामिल है, उन्ही से त्रस्त व धमकियों की वजह से मनीष ने अपनी जिंदगी को हमेशा के लिए अलविदा कर दिया. हालांकि सूत्र बताते है कि बहुत ही जल्दी पुलिस उनके गिरेबान तक पहुंचेगी. हालांकि फिलहाल पता चला है कि अवैध रूप से कई लोग ऐसे है,जिनका महू व आसपास करोड़ों रुपए ब्याज पर चल रहा है, और कई लोग त्रस्त हो चुके है. लेकिन पुलिस की भूमिका पर परिजन शंका कर रहे है कि कहीं ना कहीं ब्याजखोरों ने राजनीतिक दबाव बनाकर मामले को रफा-दफा करने में लगी हुई हैं. जांच भी समझ से परे नजर आ रही हैं. अगर प्रशासन ने ऐसे ब्याजखोरो को नेस्तनाबूद नही किया तो पीड़ितों को मनीष जैसा कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा. बरहाल यह पहला मामला नहीं है, इसके पूर्व भी कई बार सामने आया हैं. हालांकि में उचित समय पर नाम जरूर उजागर करूँगा.
बता दें : किशनगंज थाना क्षेत्र निवासी एक किराना व्यापारी का शव पातालपानी के झरने में मिला. उक्त व्यापारी तीन दिनों से लापता थे- बताया जाता है कि वे सूदखोरों से परेशान थे। स्वजनों ने भी इस तरह केआरोप लगाए हैं. किराना व्यापारी मनीष खंडेलवाल निवासी इंद्रपुरी कालोनी किशनगंज तीन दिनों से लापता थे- इस दौरान उनके स्वजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी- शुक्रवार को मनीष की बाइक व दुकान की चाबी पाताल पानी स्टैंड पर मिली थी. पुलिस ने शनिवार को झरने व आसपास के क्षेत्र में रेस्क्यू आपरेशन चलाकर तलाश किया तो झरने में शव मिला. शव तीन दिन पुराना होने केकारण जल्दी पहचानने में मुश्किल आ रही थी. इसके बाद पुलिस ने बड़ी मुश्किल से रहवासियों की मदद से शव को ऊपर पहुंचाया. पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजनों को सौंप दिया. मनीष ने व्यापार के लिए कुछ लोगों से रकम ब्याज पर उधार ले रखी थी जिसे चुकाने के लिए वे लगातार दबाव बना रहे थे. इसी कारण वह परेशान था और यह कदम उठा लिया. मनीष की मौत की खबर सुन कर उसकी 19 वर्षीय बेटी को दिल का दौरा पड़ गया जिसे तत्काल निजी अस्पताल ले जाया गया. मनीष के तीन बेटे हैं. चर्चा है कि सूदखोरों का दबाव इतना था कि मनीष जिस दिन दुकान के लिए माल लाता था. उसी दिन सूदखोर माल उठा ले जाते थे. उसने बैंक लोन चुकाने के लिए घर भी बेच दिया. स्वजनों ने आरोप लगाया कि उनकी डायरी में कुछ सूदखोरों के नाम लिखे हैं जो उन्हें परेशान कर रहे थे जिससे परेशान होकर यह कदम उठाया. (फोटो फाईल)