इंदौर
सफाई की तौहीन तो नहीं सफाई अभियान
Paliwalwaniइंदौर : (निशिकांत मंडलोई...) दीपावली के पूर्व महानगर विकास परिषद तथा अहिल्या उत्सव समिति इंदौर द्वारा पिछले कई वर्षों से नगर के धर्म स्थलों की सफाई करने का अभियान चलाया जाता हैं. इस वर्ष भी नगर के 200 धर्म स्थलों में संस्थाओं के कर्ताधर्ता और नागरिकों के करीब 3000 तथाकथित सफाई करने वालों ने यह कार्य किया. अखबारों में खुब स्थान भी पाया, पर क्या इन जिम्मेदारों से पूछा जा सकता है कि कहाँ सफाई की. जहाँ सफाई करने गए वहां तो सफाई पहले से ही थी. फिर क्यों गए, हद कर दी.
हम तो घर में और बाहर झाड़ू लगा दें तो मटके से पानी भी लेकर नहीं पीते और ये सफेदपोश सफाईकर्मी मंदिर में भगवान के दर्शनकर उन्हीं कपड़ों में दिन भर आयोजनों में शामिल होते रहे. हाथ में झाड़ू लेकर थोड़ा झुक क्या गए, सफाइवीर बन गए. अखबारों की स्याही ही लगी और चर्चा में आ गए.
नगर के वे देव स्थान जहाँ वाकई सफाई की जरूरत थी वहां तो कोई झांकने भी नहीं गया, क्योंकि वहां जाते तो वाकई सफाई करना पड़ती. ये तो धर्म स्थलों को संचालित करने वालों को भी सोचना चाहिए कि हर वर्ष क्यों सफाई की सफाई करवाने का उपक्रम करें. जहाँ वास्तविक रूप से सफाई की आवश्यकता हो वहां इन सफाई कर्मियों को जाने की सलाह दें.
आज राऊ विधानसभा के नगर निगम झोन 13 के वार्ड 81 सत्यदेव नगर व सूर्यदेव नगर इंदौर के मुहाने पर एक प्राचीन नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में जब जाना हुआ तो यह लिखने की प्रेरणा मिली. अब लिखने की यह प्रेरणा इन तथाकथित सफाई कर्मियों को भी आ जाए तो ठीक वरना हर बार अखबार के जरिए यह जानकारी प्रकाशित होती रहेगी कि यह अभियान कब शुरू हुआ, कितने जुड़े और अब यह इतने वर्षों में यहां तक पहुँचा. नेताओं के नाम, संस्थाओं के व पदाधिकारियों के नाम और वहीं टीप टॉप कपड़े और झुकी कमर, हाथ में बेतरतीब पकड़ी झाड़ू केवल नोटंकी नहीं तो और क्या कही जाएगी. मेरा निवेदन है, नोटंकी बंद कर वास्तविक नट बनो तो असर दिखेगा.
अभी दीपावली हुई नहीं है : नगर निगम के झोन 13 के वार्ड 81, के सत्यदेव व सूर्यदेव नगर स्थित नर्मदेश्वर महादेव मंदिर पधारो जहां त्रिकालदर्शी महादेव में अलावा राधा कृष्ण, हनुमान जी, माताजी आदि विराजित हैं. इनके रहवासी स्थल की सफाई करो तो वास्तविकता में सफाई अभियान की सार्थकता होगी. यहां से विधायक श्री जीतू पटवारी हैं. अभी हाल में पार्षदी पाकर नगर सरकार में जल कार्य विभाग की जिम्मेदारी संहाल रहे श्री अभिषेक शमा र्(बबलू भैया) हैं.
मान सम्मान से रहित विशुद्ध रूप से दिए इस सफाई आमंत्रण को संस्थाएं व जनप्रतिनिधि स्वीकारें और सार्थक सफाई के साक्षी बनें ना कि अखबारों में स्थान पाने वाली सफाई में सफाई करें. इस मंदिर की सुध भी लीजिए यहां के रहवासी, मंदिर के सेवादार आप सभी से यही उम्मीद करते हैं.
मंदिर से जब निर्माल्य की सफाई होगी तो मेरा मानना है कि धार्मिक स्थल की सही मायने में सफाई होगी और यह कार्य करने वालों को भी आत्मीय सुख की अनुभूति होगी.