इंदौर

इन्फोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन के द्वारा किए गए 7 दिवसीय 'सम्सकृति दर्शन' : शहीदों के परिवारों के सम्मान में हर आंख हुई नम

Paliwalwani
इन्फोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन के द्वारा किए गए 7 दिवसीय 'सम्सकृति दर्शन' : शहीदों के परिवारों के सम्मान में हर आंख हुई नम
इन्फोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन के द्वारा किए गए 7 दिवसीय 'सम्सकृति दर्शन' : शहीदों के परिवारों के सम्मान में हर आंख हुई नम

रवींद्र नाट्यगृह में आयोजित कार्यक्रम में गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के परिवारों का किया गया सम्मान

सम्सकृति दर्शन के आयोजन में शिव कुमार पाठक म्यूज़िकल ग्रुप ने दी देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति

इंदौर :

रविवार को इंफोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन के द्वारा एक भव्य कार्यक्रम आयोजित कर गलवान घाटी में शहीद जवानों के परिवार का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में भारतीय विद्या भवन, इंदौर के प्रेसीडेंट राजीव जैन, सचिव राजकुमार गोस्वामी और कोषाध्यक्ष पारस डोशी ने अमर शहीदों की शहादत के बारे में जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया।

इस अवसर पर रवींद्र नाट्यगृह में मौजूद हर एक शख़्स की आंखें नम हो गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनरल मनोज नटराजन शौर्य चक्र (बिहार रेजिमेंट के कर्नल) थे। उन्होंने कहा कि "इंफोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन को मैं इस भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद देता हूं। आज आप सभी ने भारतीय सेना के योगदान को सम्मान दिया है, इसके लिए हम आपके आभारी है। तिरंगे की रक्षा के लिए हमारे जवानों को जान भी देना पड़े तो वे पीछे नहीं हटते। नाम, नमक और निशान के लिए हर जवान समर्पित रहता है।" उन्होंने विरसा मुंडा, टांट्या भील जैसे योद्धाओं की गाथा को भी सम्मान के साथ प्रस्तुत किया। 

भारतीय विद्या भवन, इंदौर चैप्टर के चेयरमैन राजीव जैन भंडावत ने बताया कि 15 जून 2020 को गलवान घाटी में 20 सैनिक शहीद हो गए थे। हमारे आयोजन के अंतिम दिन हमने सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम के अंतर्गत गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों के परिवारों का सम्मान किया गया। यह सभी के लिए भावुक कर देने वाला क्षण था। गौरतलब है कि गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों में अधिकतर बिहार रेजिमेंट के थे और बिहार रेजिमेंट में 50 प्रतिशत जवान आदिवासी समुदाय से आते हैं। बिहार रेजिमेंट के नाम कई बड़ी उपलब्धि शामिल है।

विशिष्ठ अतिथी - ब्रिगेडियर सुरेश ज्ञानदेव साळोखे (से.नि.)

मुंबई से आए हुए ब्रिगेडियर सुरेश ज्ञानदेव साळोखे (से.नि.) इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी 35 वर्ष की जर्नी में कई साथियों और जवानों को खोया है। लेकिन हमें फौज में सिखाया जाता है किसी भी तरह की स्थिति में अपना धैर्य नहीं खोना है। हर एक जवान हर तरह की परिस्थिति के लिए तैयार रहता है। हम अपने परिवार से पहले देश के लिए और इंसानियत के लिए खड़े रहते हैं। आज के इस कार्यक्रम में मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सभी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। साथ ही मातृभूमि की सेवा में समर्पित हुए सभी देशभक्तों को नमन करता हूं। इन वीरों ने चायना को बताया कि हम हिंदुस्तानी किसी भी सूरत में कम नहीं है। 

ब्रिगेडियर सुरेश ज्ञानदेव साळोखे जी की जन्मस्थली कोल्हापुर महाराष्ट्र है। बाकी उनकी कर्मस्थली पूरा भारत रहा है। 1965 में उनके कॅरियर की शुरुआत हुई थी। 35 वर्षों तक वे देश सेवा के सबसे बड़े क्षेत्र से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग रेजिमेंट के साथ जुड़कर काम किया। मुख्य रूप से उन्होंने बिहार बटालियन के साथ जुड़कर काम किया। 

विशिष्ठ अतिथि - मेजर जनरल ओम प्रकाश गुलिया

मुंबई से आए मेजर जनरल ओम प्रकाश गुलिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि "गलवान घाटी में शहीद हुए 20 जवानों को 2.5 वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है। इतने समय के बाद भी इंफोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन, इंदौर ने उन्हें याद किया और उनके परिजनों को सम्मानित किया यह बहुत अच्छी बात है। सेना के हर एक जवान को खुशी है कि देश उनके साथ है।"

मेजर जनरल ओम प्रकाश गुलिया कुछ वर्ष महूं में भी पदस्थ रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि "गलवान घाटी में बिहार रेजिमेंट का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मैं आज सभी शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"

इन शहीदों के परिवारजनों का हुआ सम्मान 

(1). गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सिपाही गुरविंदर सिंह (22) के परिवार से उनके बड़े भाई गुरप्रीत सिंह और भाभी वीरपाल कौर समारोह में आए थे। शहीद गुरविंदर तोलावाल जिला संगरूर के रहने वाले थे। उनकी माता का नाम चरणजीत कौर और पिता का नाम लाभ सिंह है। शहीद की भाभी वीरपाल कौर ने भावुक होते हुए कहा कि "पूरे परिवार में गुरविंदर सबसे छोटा और सबका लाड़ला था। मुझे वो भाभी नहीं माँ ही मानता था। आज हमारे गाँव के और भी लोग गुरविंदर को देखते हुए फौज में जाना चाहते हैं। मेरी बेटी जश्मिन कौर ने भी अपने चाचा की शहादत के दिन प्रण ले लिया था कि वो भी फौज में जाकर अपने देश का नाम रौशन करेगी।"  

(2). शहीद गुरतेज सिंह (21) के परिवार से उनके भाई गुरप्रीत सिंह और भाभी लवप्रीत कौर कार्यक्रम में शामिल हुई थी। उनकी माता का नाम प्रकाश कौर और पिता का नाम विरसा सिंह है। शहीद के भाई गुरप्रीत सिंह ने बताया कि "मेरे भाई ने बहुत छोटी उम्र में परिवार और देश का नाम रौशन किया है। हमें उस पर गर्व है। हालांकि उसके बिछड़ने का दुख तो सारी उम्र रहेगा ही। गुरतेज का शुरू से ही आर्मी में जाने का सपना था। मैं इंफोसिस फाउंडेशन और भारतीय विद्या भवन को आज के इस सम्मान के लिए धन्यवाद देना चाहूंगा।" 

(3). शहीद गणेश राम कुंजाम (28) के परिवार से उनकी माताजी जागेश्वरी बाई कुंजाम और छोटी बहन गंगा कुंजाम शामिल हुई थी। परिवार में पिता इतवारू राम, माता और 3 बहनें है। शहीद गणेश राम कुंजाम छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला के गिधाली गांव के निवासी थे। उनकी छोटी बहन ने बताया कि "गणेश भैया हमसे बड़े थे और परिवार का बहुत अच्छे से ध्यान रखते थे। उनके जाने का दुख तो ताउम्र रहेगा लेकिन हमें उनपर गर्व भी हमेशा रहेगा।"

(4). नायब सूबेदार (एआईजी) मंदीप सिंह सेना मेडल (39) के परिवार से उनकी बेटी महक प्रीत कौर और उनके जीजा जसपाल सिंह सम्मिलित हुए। मंदीप सिंह जी के परिवार में पत्नी गुरदीप कौर, बेटी महक प्रीत कौर और बेटा जोबन प्रीत सिंह है। मंदीप सिंह जी पंजाब के जिला पटियाला के गांव सील से है। 

(5). शहीद अंकुश ठाकुर सेना मेडल (20) के परिवार से उनके पिता अनिल कुमार ठाकुर और चाचा अजय कुमार उपस्थित थे। उनके परिवार में माँ उषारानी, छोटा भाई आदित्य ठाकुर है। शहीद अंकुश हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के कड़ोहता गांव के निवासी थे।

(6). शहीद नायाब सूबेदार सतनाम सिंह (41) के परिवार से उनके बेटे प्रभजोत सिंह और उनकी पत्नी जसविंदर कौर आई । शहीद सतनाम सिंह पंजाब के गुरदासपुर जिले के भोजराज गांव से ताल्लुकात रखते थे। 

देशभक्ति के गीतों से सराबोर रही शिव कुमार पाठक म्यूज़िकल ग्रुप की प्रस्तुति 

शिव कुमार पाठक मूजिकल ग्रुप प्रदेश का जाना-माना नाम है। सम्सकृति दर्शन के अंतिम दिन आयोजित समारोह में उन्होंने अपने ग्रुप के साथ प्रस्तुति दी। उनके ग्रुप में सिंगर्स -शिव कुमार पाठक, कविता श्रीवास्तव, प्रकाश चौहान, संध्या पाठक थी। गिटार पर विकास जैन, की-बोर्ड पर दीपेश जैन, ऑक्टोपेड पर अमित शर्मा, ढोलक और तबले पर गोलू रावल और ड्रम पर अचिन जाधव थे 

गौरतलब है कि इन्फोसिस फाउंडेशन बेंगलुरु और भारतीय विद्या भवन (बेंगलुरु-इंदौर) के द्वारा संयुक्त रूप से 7 दिवसीय सांस्कृतिक एवं जीवनशैली कार्यक्रम 'सम्सकृति दर्शन' का आयोजन किया गया था। 27 फरवरी से 5 मार्च तक रविंद्र नाट्यगृह, इंदौर में आयोजित किए जाने वाले इस आयोजन में भारतीय जनजाति की संस्कृति और जीवनशैली के बारे में प्रतिदिन कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। आयोजन के माध्यम से इंदौर और प्रदेश के युवाओं एवं कला के प्रति समर्पित कलाकारों को भी बढ़ावा दिया गया।

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