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अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों के बाद अदाणी केस में आगे क्या...!
paliwalwaniअमेरिका.
भारत के मशहूर उद्दोगपति गौतम अदाणी (Gautam Adani) पर अमेरिका ने गंभीर आरोप लगाए हैं. अमेरिकी न्याय विभाग ने न्यूयॉर्क की अदालत में दावा किया कि दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी और अन्य साथियों ने अपने फायदे के लिए निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए साजिश रची. इसके साथ ही आरोपियों ने खरबों रुपये के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की भी कोशिश की.
अमेरिकी की तरफ से लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोप पर फिलहाल अदाणी ने कई याचिका दायर नहीं की है, क्योंकि वे अमेरिकी अदालत में अभी तक पेश नहीं हुए हैं. अगर उन्हें प्रत्यार्पित किया जाता है या वे सरेंडर करते हैं तो उनके वकील याचिका को चुनौती दे सकते हैं. वे दलील समझौते पर भी बातचीत कर सकते हैं. ट्रायल के जल्द शुरू होने की संभावना है. अदाणी के सात सह-प्रतिवादियों के लिए सबूतों की चुनौती और अलग-अलग ट्रायर से मामले में देरी हो सकती है.
भारतीय मूल के अमेरिकी वकील रवि बत्रा ने कहा अमेरिकी अटॉर्नी ब्रियोन पीस को अदाणी और सात अन्य आरोपियो के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का अधिकार है. इसका मतलब है कि अगर ये आरोपी अमेरिका से बाहर किसी दूसरे देश में रहते हैं, तो उस देश को भी अमेरिकी कानून के मुताबिक इन्हें अमेरिका को सौंपना होगा, बशर्ते उस देश के साथ प्रत्यर्पण संधि हो.
अमेरिकी अभियोजकों का आरोप है कि 2020 और 2024 के बीच अदाणी कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और अमेरिका स्थित परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों से 200 करोड़ डॉलर से अधिक बैंक ऋण जुटाया. डिप्टी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल लिसा मिलर ने कहा कि अदाणी और उनके सहयोगियों ने अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के जरिये बड़े पैमाने पर राज्य ऊर्जा आपूर्ति अनुबंध हासिल करने और वित्तपोषित करने की साजिश रची. अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने कहा कि आरोपियों ने विस्तृत साजिश रचकर हमारे वित्तीय बाजारों की अखंडता की कीमत पर खुद को समृद्ध करने की कोशिश की.
भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अदाणी सहित सात लोगों पर अमेरिका के न्याय विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने आंध्र प्रदेश और ओडिशा सरकार के अधिकारियों को महंगी सौर उर्जा खरीदने के लिए रिश्वत दी. इससे अदाणी समूह को अदाणी समूह को अगले बीस वर्षों में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा हो सकता था.
अमेरिकी अधिकारियों ने कथित साजिश के संबंध में कनाडाई पेंशन फंड मैनेजर सीडीपीक्यू (कैस डी डेपो एट प्लेसमेंट डू क्यूबेक) के तीन पूर्व कर्मचारियों साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल और दीपक गुप्ता पर भी आरोप लगाए हैं इसमें कहा गया कि उन्होंने ई-मेल नष्टकर और अमेरिकी सरकार को गलत जानकारी देने के लिए राजी होकर रिश्वत के मामले की जांच में बाधा पहुंचाई. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने वाला सीडीपीक्यू अदाणी की कंपनियों में शेयरधारक है.
हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि अमेरिकी अभियोजकों के आरोप बेबुनियाद हैं और समूह सभी कानूनों का पालन करता है.