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Russia Ukraine War : रूस का 38.56 लाख करोड़ का सालाना कारोबार तबाह
Paliwalwaniरूस पर आर्थिक प्रतिबंधों का नया दौर शुरू हुआ है। दुनिया के कई देशों ने अपने तरीके से प्रतिबंध लगाने शुरू किए हैं। यूरोपीय संघ के नए पांच देशों ने रूस से तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया है। इन प्रतिबंधों की वजह से रूस को 38.56 लाख करोड़ रुपए के सालाना कारोबार का नुकसान उठाना पड़ा है। इस कड़ी में सबसे ताजा कदम आस्ट्रेलिया ने उठाया है।
आस्ट्रेलिया ने रूस को एल्यूमिना और बाक्साइट के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। आस्ट्रेलिया ने यूक्रेन को अधिक हथियारों और मानवीय सहायता का वादा करते हुए रविवार को यह प्रतिबंध लगाया। आस्ट्रेलिया द्वारा लगाए गए निर्यात प्रतिबंध का मकसद रूस में एल्यूमीनियम उत्पादन को प्रभावित करना है, जो अपने एल्यूमिना के 20 फीसद के लिए आस्ट्रेलिया पर निर्भर है।
आस्ट्रेलिया की तरफ से यह कदम तब उठाया गया है, जब कुछ दिन पहले ही उसने रूसी ओलीगार्क ओलेग डेरिपस्का पर प्रतिबंध लगाया था। ओलेग डेरिपस्का क्वींसलैंड एल्यूमिना लिमिटेड में कुछ हिस्सेदारी रखती है। ये कंपनी रूसी एल्युमीनियम कंपनी रुसल और खनन में दिग्गज कंपनी रियो टिंटो के बीच संयुक्त उपक्रम है। आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन के मुताबिक, उनकी सरकार यूक्रेन से रूसी सेनाओं को बाहर करने के लिए पुतिन सरकार पर अधिकतम दवाब डालने का काम कर रही है। मारिसन के मुताबिक, यूक्रेन पर हमले के बाद से आस्ट्रेलिया ने रूसी प्र ितष्ठानों पर 476 प्रतिबंध लागू किए हैं।
रूस और यूक्रेन जंग के कारण दुनिया दो भागों में बंटती नजर आ ही है। एक ओर रूस, बेलारूस, सीरिया और अरब देश हैं, तो दूसरी ओर अमेरिका और यूरोपियन समुदाय के देश हैं। रूसी करंसी रूबल की कीमत डालर की तुलना में 30 फीसद तक गिर गई है। ऐसे में अमेरिका समेत पांच देशों ने रूस से तरजीही राष्ट्र (मोस्ट फेवर्ड नेशन या एमएफएन) का दर्जा छीन लिया है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के 164 देश सदस्य हैं। इसके तहत आने वाले सभी देश एक दूसरे को एमएफएन का दर्जा देते हैं। इसके बाद बिना किसी भेदभाव के सभी देश एक दूसरे के साथ आसानी से कारोबार कर सकते हैं। मान लीजिए भारत जापान को अपने यहां व्यापार करने के लिए कुछ खास सुविधाएं मुहैया कराता है, तो वही सुविधाएं उसे डब्लूटीओ के दूसरे सदस्यों को भी देनी होंगी।
इसी तरह दूसरे देशों में भारत को कारोबार करने में खास रियायत दी जाती हैं। इस दर्जा के तहत एक देश दूसरे देश को सबसे कम सीमा शुल्क या बिना किसी शुल्क के आयात-निर्यात को बढ़ावा देते हैं। सदस्य देश बाकी देशों की कंपनी को लाइसेंस प्रकिया में भी छूट देते हैं। विकासशील देशों को दूसरे देश के बाजारों में अपनी पहुंच बनाना आसान हो जाता है।
पांच देशों द्वारा रूस से एमएफएन का दर्जा छीने जाने के बाद आपसी कारोबार पर असर तय है, जो 38.56 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है। रूस का अमेरिका के साथ सालाना कारोबार 1.79 लाख करोड़ रुपए का है, जो अब ठप है। यूरोपीय समुदाय के साथ 21.38 लाख करोड़ रुपए का कारोबार, कनाडा के साथ 12.74 हजार करोड़ रुपए का, जापान के साथ 1.44 लाख करोड़ रुपए का सालाना कारोबार, ब्रिटेन के साथ 1.21 लाख करोड़ रुपए का सालाना कारोबार अब ठप हो गया है। इससे पहले रूसी रूबल की कीमत डालर की तुलना में 30 फीसद घट गई है।
रूस को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली स्विफ्ट से भी बाहर कर दिया गया है। पश्चिमी देशों ने रूस के केंद्रीय बैंक की संपदा को फ्रीज कर दिया है। रूस का विदेशी पूंजी रिजर्व 630 अरब डालर का है। अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस के दो सबसे बड़े बैंकों सबरबैंक और वीटीबी बैंक पर एकतरफा बंदिशें लगाई हैं।प्रतिबंधों से कर्ज अदायगी में रूस के सामने दिवालिया होने की नौबत आ सकती है।