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Pahalgam Attack By TRF: 28 मौतों का जिम्मेदार है सज्जाद गुल, पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड...

PALIWALWANI
Pahalgam Attack By TRF: 28 मौतों का जिम्मेदार है सज्जाद गुल, पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड...
Pahalgam Attack By TRF: 28 मौतों का जिम्मेदार है सज्जाद गुल, पहलगाम आतंकी हमले का मास्टरमाइंड...

Pahalgam Attack By TRF: J&K के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला हुआ है, इस हमले में अब तक 26 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। कई लोग क्योंकि गंभीर रूप से घायल हैं, ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ने का डर भी है। इस कायराना हमले की जिम्मेदारी TRF नाम के आतंकी संगठन ने ली है, इसे दूसरे शब्दों में द रेजिस्टेंस फ्रंट के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम से जरूर कोई अंग्रेजी संगठन दिखाई पड़ता है, लेकिन असल में इसकी जड़े पड़ोसी मुल्क से जुड़ी हुई है।

इस संगठन को लश्कर का ही प्रॉक्सी माना जाता है, खतरनाक आतंकी सज्जाद गुल इस समय TRF को चला रहा है। इस दहशतगर्द को हाफिज सईद का राइट हैंड भी कहा जा सकता है, भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने सज्जाद के खिलाफ कई सालों से बड़ा इनाम घोषित कर रखा है, उसकी तलाश लगातार जारी है। द रेजिस्टेंट फ्रंट को लश्कर का मुखौटा माना जाता है, जब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटा था, इस संगठन ने अपने पैस पसारने शुरू किए। पहले तो ये एक ऑनलाइन संगठन की तरह काम करता था, लश्कर को सिर्फ उसके हमलों में कवर देने का मकसद रहता था।

लेकिन धीरे-धीरे टीआएफ ने खुद हमले करने शुरू किए, उसे पाकिस्तान की सेना और ISI से खूब फंडिंग मिलनी शुरू हो गई। अब इस संगठन को ऐसा अंग्रेजी नाम भी इसलिए दिया गया जिससे भारत कभी सीधे-सीधे पाकिस्तान के साथ उसे ना जोड़ सके। अब तक तो जितने भी आतंकी संगठन रहे, उनके नाम से ही उनका असिस्त्व पहचान में आ जाता था, लेकिन टीआएफ को ऐसे बनाया गया कि इसे एक स्थनानी कश्मीर का ही संगठन माना जाए। अगर दोष भी आए तो आम कश्मीरियों पर आए।

टीआएफ का असर 2022 की एक वार्षिक रिपोर्ट से भी समझा जा सकता है। कश्मीर में 90 से ज्यादा ऑपरेशन हुए थे, 42 विदेशी नागरिक सहित 172 आतंकी हमारे गए। उन आतंकियों में 108 तो इस टीआएफ के ही थे। यहां भी जो 100 आतंकियों को भर्ती किया गया था, उनमें सबसे ज्यादा हायरिंग इस टीआएफ ने की थी। औपचारिक तौर पर तो 2020 में जब कुलगाम में आतंकी हमला हुआ था, तब टीआएफ का नाम सबसे पहले आया था।

कुलगाम हमले में बीजेपी कार्यकर्ता फिदा हुसैन, राशिद बेग और उमर हाजम को मौत के घाट उतारा गया था। टीआएफ की मॉडस ऑपरेंडी ही ऐसी रही है जहां पर वो सिर्फ टारगिट किलिंग पर फोकस करती है, वो गैर कश्मीरियों को निशाना बनाती है, प्रयास करती है कि 90 का दौर वापस लौट आए। अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडितों पर भी टीआएफ लगातार हमला कर रही है। इस बार भी जो पहलगाम में हुआ है, आतंकियों ने पहले धर्म पूछा फिर गोली चलाई है।

टीआएफ के सरगना सज्जाद गुल को लेकर कहा जाता है कि वो पाकिस्तान में बैठकर ही ऑपरेट करता है, वो अपने आतंकियों को निर्देश देता रहता है, लेकिन खुद कभी सामने नहीं आता।

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