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कुवैत के अमीर शेख अल सबा ने चुनाव के कुछ हफ्तों बाद ही देश की संसद की भंग
paliwalwaniदुबई. कुवैत के अमीर शेख अल-सबा ने कट्टरपंथी इस्लामवाद के बढ़ते प्रभाव के कारण लोकतंत्र को बचाने के लिए संसद को भंग कर दिया और संविधान के कुछ हिस्सों को निलंबित कर दिया. उन्होंने कहा देश को बचाने और इसके उच्च राष्ट्रीय हितों और राष्ट्र के संसाधनों की रक्षा करने के लिए इस कठोर निर्णय को लेने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा था.
कुवैत अकल्पनीय और असहनीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है।कुवैत में राजनीतिक भूचाल के चलते यहां के अमीर और प्रधानमंत्री अल-सबा ने चुनाव के कुछ हफ्ते बाद ही संसद को भंग कर संविधान के कुछ हिस्सों को 4 साल तक के लिए निलंबित कर दिया है. उन्होंने कहा कि यह निर्णय कट्टरपंथी इस्लामवाद के बढ़ते प्रभाव के कारण लोकतंत्र को बचाने के लिए लिया गया है.
राज्य मीडिया ने बताया कि कुवैत के अमीर ने संसद को भंग कर दिया है और अपने कुछ कर्तव्यों को अपने हाथ में ले लिया है. उन्होंने शुक्रवार को राज्य टेलीविजन पर प्रसारित एक संबोधन में कहा, अमीर शेख मिशाल अल-अहमद अल-सबा और शाही नियुक्त कैबिनेट 50 सदस्यीय नेशनल असेंबली की कुछ शक्तियां ग्रहण करेंगे.
उन्होंने बिना विस्तार से बताए, संविधान के कुछ अनिर्दिष्ट अनुच्छेदों को "चार साल से अधिक की अवधि" के लिए निलंबित कर दिया। 83 वर्षीय शासक ने कहा पिछले वर्षों में कुवैत द्वारा अनुभव किए गए, माहौल ने भ्रष्टाचार को अधिकांश राज्यों तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया है और दुर्भाग्य से यह सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक पहुंच गया है. उन्होंने कहा हमने ऐसी कठिनाइयों और बाधाओं का सामना किया है जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
बता दें कि कुवैत के अमीर ने शेख अहमद अब्दुल्ला ने हाल ही में अल-अहमद अल-सबा को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. यह निर्णय 7 अप्रैल को पूर्व प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद सबा अल-सलेम अल-सबा के इस्तीफे के बाद लिया गया था. 4 अप्रैल को नई संसद के चुनाव के बाद, शेख मोहम्मद ने 6 अप्रैल को अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंप दिया था.