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कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर...!

paliwalwani
कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर...!
कोविशील्ड लगवाने वालों के लिए बुरी खबर...!

AstraZeneca Covid-19 Vaccine Fact: कोविड वैक्सीन की वजह से साइड इफेक्ट होने के तमाम दावों के बीच टीका बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बड़ा खुलासा किया है. कंपनी ने अदालत में पेश किए दस्तावेजों में पहली बार माना है कि कोविड-19 वैक्सीन की वजह से साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन ऐसे मामलों की संख्या काफी कम होने का दावा किया गया है. 

कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया नाम से दुनियाभर में बिकी वैक्सीन

बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान पूरी दुनिया में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को कोविशील्ड और वैक्सजेवरिया समेत कई नामों से बेचा गया. फिलहाल, इस वैक्सीन की वजह से होने वाली मौतों समेत कई गंभीर बीमारियों को लेकर एस्ट्राजेनेका पर केस दायर किया गया था. कंपनी पर आरोप है कि उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की मदद से जो वैक्सीन तैयार की है, उसके कई साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं. 

गौरतलब है कि कई परिवारों ने अदालत में केस दायर किया था. उनका आरोप था कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स की वजह से गंभीर दिक्कतें हुई हैं. कंपनी का कबूलनामा इसलिए बेहद अहम है, क्योंकि इससे टीकाकरण के संभावित खतरे की बात स्पष्ट हो गई है. इस मामले में जैमी स्कॉट ने मुकदमा दायर किया था. उन्होंने अप्रैल 2021 में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की डोज ली थी, जिसके बाद वह परमानेंट ब्रेन इंजरी से जूझ रहे हैं. 

गौर करने वाली बात यह है कि जैमी स्कॉट समेत अन्य मरीजों के मामलों से थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) के साथ थ्रोम्बोसिस नाम की रेयर साइड इफेक्ट की बात सामने आई. इस सिंड्रोम की वजह से ब्लड क्लॉट और प्लेटलेट काउंट घटने जैसी समस्याएं होती हैं. एस्ट्राजेनेका कंपनी की ओर से यूके के हाई कोर्ट में पेश किए गए कानूनी दस्तावेजों में कहा गया है कि वैक्सीन की वजह से टीटीएस जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं, लेकिन इसकी आशंका बेहद कम है.

लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद एस्ट्राजेनेका कंपनी ने साइड इफेक्ट्स की बात कबूली है. अब सवाल उठता है कि आगे क्या होगा? अगर कंपनी कुछ खास मामलों में वैक्सीन की वजह से गंभीर बीमारी या मौत होने की बात मानती है तो उसे भारी मुआवजा देना पड़ सकता है. अहम बात यह है कि एस्ट्राजेनेका के कबूलनामे के बावजूद कंपनी वैक्सीन में कमी होने या इसका व्यापक दुष्प्रभाव होने के दावों को सिरे से खारिज करती है. 

गौर करने वाली बात यह है कि सुरक्षा संबंधित मामलों को देखते हुए यूके में अब ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन इस्तेमाल नहीं की जाती है. हालांकि, कई इंडिपेंडेट स्टडीज में इस वैक्सीन को महामारी से निपटने में बेहद कारगर बताया गया. वहीं, साइड इफेक्ट्स के मामलों की वजह से इस वैक्सीन के खिलाफ जांच शुरू की गई और कानूनी कार्रवाई हुई. 

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