स्वास्थ्य
डिप्रेशन और तनाव की गुत्थी सुलझेगी योग से : रजनी शर्मा
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रजनी शर्मा
इस तेज रफ्तार दुनिया के उतार-चढ़ाव के बीच मानसिक परेशानियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। कोविड महामारी के दौर ने चुनौती और बढ़ा दी है। कई बार ऐसा होता है कि लोग जितना सोचते हैं, उसके हिसाब से काम नहीं करते। इस मिसमैच से आगे चलकर तनाव बढ़ जाता है। कई बार लोग छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेते हैं और परेशान हो उठते हैं। हम खुद को कहीं न कहीं बिजी रखते हैं, लेकिन मन को शांत रखने के लिए भी कुछ काम करने होते हैं, यह भूल जाते हैं। इसलिए गुस्सा, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। लेकिन हमारे विशेषज्ञ योगाचार्यों का कहना है कि योग में इन समस्याओं से निपटने का रास्ता है।
योगाचार्यों का कहना है कि अगर दिमागी तौर पर बेचैनी महसूस हो रही हो तो मन की शांति के लिए अपनी पसंद के कुछ काम जरूर करें। कोई खेल खेलें, फिल्म देखें, गाना गाएं या सुने,घर की साफ-सफाई में ही जुट जाएं या फिर कोई नई चीज सीखने की कोशिश करें। जो मन में हो, उसे जाहिर करें। हर रात सोने से पहले अपने भगवान से या जिसमें भी आपकी आस्था हो, उसके प्रति आभार जताएं। लोगों को माफ करना सीखें। रात को सोएं तो मन पर बोझ लेकर न सोएं और सुबह जागें तो मुस्कुराते हुए दिन का स्वागत करें।
खानपान का भी विशेष ध्यान रखें। योगाचार्यों का कहना है कि टीवी देखते हुए या कोई दूसरा काम करते हुए जल्दबाजी में खाना न खाएं। जंक फूड से दूर रहें। सात्विक खाना खाएं। अगर पेट के लिए खाना अच्छा नहीं है तो उससे मन भी अच्छा नहीं होगा। ज्यादा तेल-मसाले वाले खाने से दूरी बनाएं।
योगासन के बारे में विशेषज्ञों की राय यह है कि आगे झुककर किए जाने वाले आसन मन को जल्दी तनाव रहित करते हैं। योग के मुताबिक, पंच महाभूत शुद्धि होनी चाहिए। अगर तनाव रहता है तो हमारे अंदर आकाश तत्व की कमी है। लिहाजा खुली जगह पर घूमें। कुदरत को निहारें। जब योग करते हुए सिर की तरफ ब्लड सर्कुलेशन होगा तो दिमाग में ऑक्सिजन बढ़ेगी। टेंशन कम होगी। कुछ एक्सपर्ट चंद्र नमस्कार की सलाह भी देते हैं। यह मन शांत करता है। (चंद्र नमस्कार करने का तरीका यहां देख सकते हैं rb.gy/xjgst5 )।
इसके अलावा सूर्यनमस्कार, सर्वांगासन और पश्चिमोत्तानासन भी करें। लेकिन अगर प्रेग्नेंट हैं या कमर दर्द है या जोड़ों का दर्द है तो ये आसन नहीं करने चाहिए।
प्राणायाम से मानसिक शांति मिलती है। दरअसल सांस से जुड़ी हर क्रिया मन को शांत करती है। शरीर में ऑक्सिजन भरती है। इसलिए गहरी सांसें लें। रात को बिस्तर पर लेटकर भी शांत भाव से गहरी सांस ले सकते हैं। कुंभक के साथ डीप ब्रीदिंग करें यानी सांस को थोड़ा-सा रोककर छोड़ें। प्राणायाम के तहत नाड़ीशोधन यानी अनुलोम विलोम की क्रिया आती है। इसके लिए नाक के लेफ्ट साइड से सांस लें और राइट से छोड़ें। फिर राइट से सांस लें और लेफ्ट से छोड़ें। सांस गहरी लें और जितनी देर सांस लेने में लगे उससे दोगुनी देर सांस छोड़ने में लगाएं। इसके लिए 4-8 की गिनती का फॉर्मूला अपना सकते हैं। शुरुआत में 10 राउंड और बाद में 30 राउंड तक कर सकते हैं।
कपालभाति करने के लिए आराम से गहरी सांस खींचनी है और धीरे ही छोड़नी है। अभ्यास होने पर तेजी से छोड़ सकते हैं। लेकिन शरीर को झटका न लगे। इसे एक मिनट में 20 बार कर सकते हैं। इसके 3 राउंड किए जा सकते हैं। ध्यान देने की बात यह है कि बीपी की परेशानी वाले लोगों और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए कपालभाति की मनाही है।
मानसिकशांति के लिए ध्यान क्रिया बहुत उपयोगी है। सीधे लेटकर आंखें बंद कर लें और आसपास की आवाज सुनें। पैर लंबे सीधे रखें। मन आवाजों पर रहेगा तो विचार भी परेशान नहीं करेंगे। विचारों को आने और जाने दें। किसी एक विचार में अटकें नहीं। मन को धीरे-धीरे शांत होने दें। त्राटक करें। इसके लिए एकटक शांत भाव से एक ही दिशा में देखें। इसे बिना मोमबत्ती के करें। हाथ सीधा रखकर अंगूठे को देख सकते हैं। इसके 20-20 सेकंड के 3 राउंड कर सकते हैं।