गुजरात
जनता का गुस्सा देख मंत्रीजी भागे : आफत की बारिश से गुजरात में लाखो घर तबाह
Paliwalwaniगुजरात :
गुजरात में नर्मदा डेम से छोड़े गए पानी और आसमान से बरस रही आफत की बारिश ने भरुच अंक्लेश्वर के लाखो घरो को तबाह कर दिया, कई पशुओ की मौत हो गई, लोगो के व्यापार में भारी नुकसान हुआ है। फिलहाल बारिश और बाढ़ दोनों ही ख़त्म हो गई है लेकिन अपने पीछे तबाही के निशां छोड़ गई है।
वही अंकलेश्वर शहर में बाढ़ से 65 से ज्यादा इलाके और सोसायटी की मंजिले एक एक मंजिल तक पानी में डूब गईं। 5500 से ज्यादा घरो में टीवी फ्रिज फर्नीचर अनाज और घर का सामान खराब हो गया। अब सिर्फ हर जगह कीचड़ कचरा और बर्बाद हुआ सामान ही नज़र आ रहा है।
भरुच और अंकलेश्वर सहित गुजरात के कई जिले के लाखों लोग पिछले कई घंटो से सिर्फ एक ही काम कर रहे है, वो है उनके घरो में स्थित दुकानों में खेतो में बर्बादी का सामान को बाहर निकालना। बारिश और नर्मदा नदी में आयी बाढ़ से दो दिन तक भरुच और अंकलेश्वर सहित कई जिले जलमग्न हो गए थे। मकान , दुकानों सहित खेत भी डूब गए। घरो, दुकानों में रखा सामान भी बर्बाद हो गया। खेतो में फसलें बर्बाद हो गई। लाखो करोडो का सामान कूड़ा करकट में तबदील हो गया। ऐसे में अगर कोई मंत्री या नेता इन इलाको में पहुंच रहा है तो जनता उसे जमकर खरी खोटी सुना रही है। भरुच के डांडिया बाजार पहुंचे आदिजाति विकास मंत्री कुंवरजी हलपति को तो जनता ने इलाका छोड़ने को मजबूर कर दिया।
शहर के शहर जलमग्न हो गए
18 सितम्बर 2023 को भरुच के गोल्डन ब्रिज के पास बाढ़ का पानी अधिकतम 40.47 फीट तक पहुंच गया है जो की खतरे के निशान से 16 फिट ज्यादा था। दरअसल नर्मदा बांध के 23 गेट खोलकर 22 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया और जिसके चलते भरूच सहित नर्मदा नदी के किनारे के कई इलाको में शहर के शहर जलमग्न हो गए। बाढ़ का पानी जाने के बाद भरूच शहर में ही कसक, ढोलीकुई, डांडिया बाजार, फुर्रजा बंदर ओर पुराने भरूच में लोगो के घर और दुकान का ज्यादातर सामान बर्बाद हो गया है।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
स्थानीय लोगों में नाराजगी स्पष्ट देखी जा सकती है, प्रशासन ने 1 हजार कर्मियों की फ़ौज काम में लगा दी है। जहां-जहां गंदगी फैली वहां सफाई करने के निर्देश दिए हैं, दूसरी जगह से सफाई कर्मी बुलाए गए हैं, और शहरों की सफाई कराई जा रही है बाढ़ के बाद यहां बीमारियों का खतरा मडराने लगा है, एक-एक घर में लाखों का नुकसान हुआ है लोगों के हुए नुकसान का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है, जहां गरीब की झोपड़ी उजड़ गई तो वहीं बंगलो में रहने वालों के फर्नीचर भी बिगड़ गए किसी का सब कुछ छीन गया किसी का सब कुछ पानी में गल गया। अब यहां सिर्फ बर्बादी का मंजर है और यही वजह है कि अब आला अधिकारी मैदान में है राजनेता अब इन बर्बाद शहरों की तरफ जाने से बच रहे हैं, वहीं जनता में आक्रोश है।