गुजरात
गुजरात दंगे : ‘मोदी ने 19 साल दर्द झेला, भगवान शिव की तरह विषपान किया’, - अमित शाह
Paliwalwaniदेश गृह मंत्री ने अमित शाह ने गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरकरार रखे जाने पर खुशी जताई है। गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों को लेकर मोदी को मिली क्लीन चिट के खिलाफ जाकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया है। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने बगैर कुछ बोले 19 साल तक दर्द झेला है और भगवान शिव की तरह विष को अपने गले में रखा है। अब फैसल के बाद सत्य सोने की तरह चमक रहा है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस सुप्रीम फैसले के बाद नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने वालों को माफी मांगनी चाहिए।
गुजरात दंगों पर खुलकर बोले अमित शाह
गृहमंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एएनआई के साथ इंटरव्यू के दौरान गुजरात दंगों को लेकर खुलकर अपनी बात रखी और बताया दंगे की वास्तविक वजह क्या थी। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मैंने मोदी जी को करीब से इस दर्द को सहते हुए देखा है, क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो उन्होंने कहा कि सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे.. बहुत मजबूत मन का आदमी ही ऐसा स्टैंड ले सकता है। 18-19 साल की लड़ाई और आज अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है।” अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया है कि सभी आरोप राजनीत से प्रेरित थे।
गोधरा की वजह से फैले दंगे
गृहमत्री अमित शाह ने कहा कि दंगे की मुख्य वजह गोधरा में ट्रेन को जला देना था। उन्होंने कहा, “16 दिन की बच्ची को उसकी मां की गोद में बैठे हुए जिंदा जलते हुए मैंने देखा है, अपने हाथों से लोगों का अंतिम संस्कार किया है।” अमित शाह ने कहा, “जो दंगे आगे हुए वो राजनीति से प्रेरित थे। शवों की परेड के सवाल पर उन्होंने कहा कि शवों की कोई परेड नहीं कराई गई थी। 16 शव सिविल अस्पताल में ले जाया गया और बंद एंबुलेंस में उनके परिवार वाले शव को लेकर गए। मैं खुद अस्पताल में था, चारों तरफ जली हुई लाशें थीं।”
इंटरव्यू के दौरान जब अमित शाह से पूछा गया कि – फायरिंग में मुसलमान नहीं मारे गए, लेकिन दंगों में तो मुसलमान मारे गए थे न, तो जवाब में अमित शाह ने कहा, “जिस तरह से 60 लोगों को जिंदा जला दिया गया था, उसे लेकर समाज में गुस्सा था। जब तक दंगे नहीं हुए तब तक किसी ने इसकी आलोचना तक नहीं की, सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध किया।
गोधारा में ट्रेन जलाने के खिलाफ कांग्रेस पार्टी का एक भी बयान नहीं आया, उस दिन संसद चल रही थी। किसी ने दुख तक नहीं जताया। क्या 60 लोगों को जिंदा जलाने की घटना की निंदा भी नहीं करेंगे आप? क्या इतनी बड़ी वोट बैंक पॉलिटिक्स होगी?”
मोदी को बदनाम करने की साजिश थी
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि जाकिया जाफरी किसी और के इशारे पर काम करती थीं। कई सारे पीड़ितों के हलफनामे NGO ने साइन कर दिए थे। पीड़ितों को कुछ को मालुम ही नहीं था। अमित शाह ने कहा – सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का NGO ये सब कर रहा था। उस समय की UPA सरकार NGO की मदद कर रही थी। अमित शाह ने कहा – सब जानते हैं कि ये केवल मोदी जी की छवि खराब करने के लिए किया गया था। दंगों के केस में मोदी जी की लिप्तता बनाने के लिए ये किया गया। लेकिन सत्य को कोई फर्क नहीं पड़ता है।”