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आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, हमें रहना होगा तैयार : PM मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन

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आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, हमें रहना होगा तैयार : PM मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन
आ सकती है कोरोना की तीसरी लहर, हमें रहना होगा तैयार : PM मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजयराघवन

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार (Principal Scientific Advisor to PM) के. विजयराघवन का कहना है कि जिस तरीके से अभी वायरस का प्रसार हुआ है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि तीसरी लहर जरूर आएगी. उसके लिए हमें अभी से तैयारी रखनी होगी.

● हमें अभी से तैयारी रखनी होगी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार (Principal Scientific Advisor to PM) के. विजयराघवन ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है. उनका कहना है कि जिस तरीके से अभी वायरस का प्रसार हुआ है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि तीसरी लहर जरूर आएगी. उसके लिए हमें अभी से तैयारी रखनी होगी. विजयराघवन ने कोरोना के नए वैरिएंट्स के ज्यादा संक्रामक होने की बात भी नकारी है. उन्होंने कहा है कि नए वैरिएंट्स भी ओरिजिनल वैरिएंट की तरह ही संक्रामक है. इनमें संक्रमण की नए तरह की क्षमता नहीं है.

● पीक इस महीने के अंत तक आ सकता है : अप्रैल महीने में न्यूज़ 18 को दिए इंटरव्यू में के. विजयराघवन ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक इस महीने के अंत तक आ सकता है. उन्होंने कहा था कि अभी वायरस का ऐसा कोई वैरियंट नहीं है जिस पर वक्सीन प्रभावी न हों. उन्होंने कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को लेकर कहा है कि ऐसा किसी एक नहीं बल्कि कई कारणों से हुआ है.

● बोले थे विजयराघवन-पूरे देश में कोरोना मामलों में कमी आने में लगेगा वक्त : विजयराघवन का कहना था-वास्तविकता में बहुत बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं जो गंभीर चिंता का विषय है. लेकिन अगर पीक और फॉल पर ध्यान दिया जाए तो इसमें करीब 12 हफ्ते का वक्त लगता है. और इस समय को राज्यों और जिलों के संदर्भ में देखना होगा. संपूर्ण रूप में मामलों में कमी आने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगेगा लेकिन हम इस महीने के आखिरी या अगले महीने की शुरुआत में मामले कम होते दखेंगे. इस बीच नए स्ट्रेन्स को देखते हुए हें हेल्थकेयर के हर पक्ष पर ध्यान देना होगा, चाहे वो डिस्टेंसिंग का मामला हो, स्ट्रेन का विश्लेषण हो या फिर बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन. यानी इस बात पर फोकस होना चाहिए कि हम क्या कर सकते हैं न कि इस बात पर कि क्या होगा.

●  पालीवाल वाणी मीडिया नेटवर्क : ...✍️

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