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Modi Cabinet : 'पते की बात', जिसे मोदी ने झट से माना ही नहीं, लागू भी कर दिया

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Modi Cabinet : 'पते की बात', जिसे मोदी ने झट से माना ही नहीं, लागू भी कर दिया
Modi Cabinet : 'पते की बात', जिसे मोदी ने झट से माना ही नहीं, लागू भी कर दिया

डॉ. हर्षवर्धन के इस्तीफे के बाद अब मोदी कैबिनेट में दिल्ली से मीनाक्षी लेखी को जगह दी गई है। नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से लगातार दो बार यूपीए सरकार में मंत्री रहे अजय माकन को हराकर संसद पहुंचने वाली मीनाक्षी लेखी का बीते आठ साल में संसद में शानदार रेकॉर्ड रहा है। हालांकि उन्हें राज्यमंत्री का पद दिया गया है। इस लिहाज से दिल्ली को इस मायने में नुकसान हुआ है कि अब तक दिल्ली से डॉ. हर्षवर्धन कैबिनेट मंत्री थे लेकिन अब मीनाक्षी लेखी राज्यमंत्री होंगी। लेकिन लेखी ने पिछले लोकसभा चुनाव के मौके पर ऐसा कदम उठाया कि कांग्रेस का राष्ट्रव्यापी अभियान ही पूरी तरह से पंचर हो गया और राहुल गांधी को बिना शर्त माफी तक मांगनी पड़ी थी।

फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा लेखी ने

सुप्रीम कोर्ट की तेजतर्रार वकील मीनाक्षी लेखी जब औपचारिक तौर पर बीजेपी में शामिल हुईं तो उन्हें महिला मोर्चा के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई लेकिन हिन्दी और अंग्रेजी भाषा पर समान अधिकार को देखते हुए 2013 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बना दिया गया। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पार्टी ने जब 2014 में उन्हें नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया तो उनके सामने उस वक्त के कैबिनेट मंत्री अजय माकन थे। लेकिन मीनाक्षी ने बेहद हमलावर अंदाज में चुनाव लड़ा और नतीजा यह हुआ कि माकन चुनाव हार गए।

रेसकोर्स रोड का नाम बदलने का सुझाव लेखी का ही था

सांसद बनने के बाद लेखी संसद में लगातार एक्टिव रहीं। तीन तलाक से लेकर हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर लोकसभा में होने वाली बहस में उन्होंने अपने ही अंदाज में सरकार का पक्ष रखा। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि उन्होंने ही प्रधानमंत्री निवास वाली सड़क रेसकोर्स का नाम बदलकर लोक कल्याण मार्ग रखने का सुझाव दिया। ये सुझाव प्रधानमंत्री को भी पसंद आया और न सिर्फ उस मार्ग का बल्कि उसके बाद कई और मार्गों का नाम भी बदला गया।

जब राहुल गांधी को बिना शर्त माफी मांगनी पड़ी

2019 में कांग्रेस के चौकीदार चोर है अभियान को झटका देने में मीनाक्षी लेखी का भी अहम रोल रहा है दरअसल, राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर चौकीदार चोर है अभियान चलाया। इसी दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी उनकी बात मान चुका है। राहुल गांधी के इसी बयान को लेकर मीनाक्षी लेखी ने फौरन ही सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। नतीजा यह हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राहुल गांधी को बिना शर्त माफी मांगते हुए अपना बयान वापस लेना पड़ा। माना जाता है कि उसके बाद ही कांग्रेस के इस कैंपेन की धार लगभग खत्म हो गई।

 

दिल्ली की राजनीति पर होगा असर

इस बदलाव के बाद दिल्ली में न सिर्फ बीजेपी बल्कि दिल्ली की राजनीति पर भी असर पड़ सकता है। दरअसल, डॉ. हर्षवर्धन के हटने के बाद उन्हें संगठन में जगह दी जा सकती है। हालांकि दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को अभी डेढ़ वर्ष का ही वक्त हुआ है। ऐसे में ये हो सकता है कि डॉ. हर्षवर्धन को पार्टी की केंद्रीय टीम में जगह दी जाए और दिल्ली नगर निगम के होने वाले चुनाव के लिए कोई जिम्मेदारी सौंपी जाए। राजनीति के जानकारों का मानना है कि मंत्री पद मिलने के बाद अब मीनाक्षी लेखी दिल्ली में और अधिकार के साथ आम आदमी पार्टी पर राजनीतिक हमले कर सकती हैं।

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