दिल्ली
सस्ता हो जाएगा खाने का तेल, देश की आम जनता को काफी राहत मिलेगी
paliwalwani
सरकार का निर्णय एक साहसिक और समय पर उठाया गया कदम
नई दिल्ली.
सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे देश की आम जनता को काफी राहत मिलेगी. सरकार ने क्रूड पाम ऑयल, सोयाबीन ऑयल, सनफ्लावर ऑयल बेसिक कस्टम ड्यूटी को 20 परसेंट से घटाकर 10 परसेंट कर दिया है. सरकार ने देशभर में खाने के तेल की कीमतों में कमी लाने और लोकल प्रॉसेसिंग को बढ़ावा देने के मकसद से ऐसा किया है.
यह फैसला 31 मई 2025 से ही प्रभावी हो जाएगा. इससे रिटेल महंगाई कम होने की उम्मीद है और भारत के वेजिटेबल ऑयल रीफाइनिंग इंडस्ट्री को भी इससे गति मिलेगी.
वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया, इन तीनों तेलों के इम्पोर्ट ड्यूटी को अब 27.5 परसेंट से घटाकर 16.5 परसेंट कर दिया गया है. इनमें सरचार्ज और सेस भी शामिल हैं. रिफाइंड ऑयल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है और यह 32.5 परसेंट है, जबकि इफेक्टिव ड्यूटी 35.75 परसेंट है.
सरकार ने यह कदम एक ऐसे वक्त पर उठाया, जब दुनिया में कुकिंग ऑयल के सबसे बड़े इम्पोर्टर भारत ने 2023-24 1.32 लाख करोड़ रुपये के 159.6 लाख टन खाने के तेल का आयात किया. भारत खाने के तेल की अपनी 50 परसेंट जरूरत को आयात कर पूरा करता है, जिसमें पाम ऑयल मलेशिया और इंडोनेशिया से और सोयाबीन तेल मुख्य रूप से ब्राजील और अर्जेंटीना से मंगाया जाता है.
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के प्रेसिडेंट संजीव अस्थाना ने कहा, कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच शुल्क अंतर को 8.25 परसेंट से बढ़ाकर 19.25 परसेंट करने का सरकार का निर्णय एक साहसिक और समय पर उठाया गया कदम है. इससे रिफाइंड पामोलीन के आयात में कमी आएगी और मांग पुनः कच्चे पाम तेल की ओर बढ़ेगी, जिससे घरेलू रिफाइनिंग सेक्टर को पुनः बल मिलेगा.