दिल्ली
चंद्रयान-3, 23 अगस्त को इस समय चंद्रमा पर कर सकता है लैंडिंग...!
Paliwalwani 
        						    - भारत के तीसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' (Chandrayaan-3) को लॉन्च कर दिया गया है। चंद्रयान-3 ने दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरा। इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से छोड़ा गया है। 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। 'चंद्रयान-3' को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया गया है। अगर दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग होती है, तो भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा। वहीं, पीएम मोदी ने ट्वीट कर शुभकामनाएं दीं और कहा कि आज का दिन सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा।
पीएम मोदी बोले- चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा
चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भर रहा है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं!
ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने प्रेस वार्ता करके इस मिशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अगर सब कुछ सामान्य रहा तो चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को शाम लगभग 5.47 बजे चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी और उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो। फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती है जो हमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा पता लगाया। तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की। मैं इस कार्य के लिए पूरी टीम को बधाई देता हूं।
वहीं, इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्रयान 3 एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है...लैंडिंग बहुत महत्वपूर्ण है। जब तक आप नहीं उतरते, आप नमूने नहीं ले सकते, आप इंसानों को नहीं उतार सकते, आप चंद्रमा के आधार नहीं बना सकते इसलिए आगे की खोज के लिए लैंडिंग एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त ने भी भारत और इसरो को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण पर भारत और इसरो को बधाई! गर्व है कि ऑस्ट्रेलिया में कैनबरा डीएसएन इसके लिए संचार का समर्थन कर रहा है।







 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						 
    						