Friday, 31 October 2025

भोपाल

1 नवंबर से नए तरीके से लगानी होगी ‘अटेंडेंस’ : कर्मचारियों ने किया विरोध, क्या हम कामचोर हैं...!

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1 नवंबर से नए तरीके से लगानी होगी ‘अटेंडेंस’ : कर्मचारियों ने किया विरोध, क्या हम कामचोर हैं...!
1 नवंबर से नए तरीके से लगानी होगी ‘अटेंडेंस’ : कर्मचारियों ने किया विरोध, क्या हम कामचोर हैं...!

भोपाल. नगर निगम के सभी दफ्तरों में 1 नवंबर 2025 से फेस अटेंडेंस यानी चेहरा दिखाकर ही उपस्थिति लगेगी। प्रदेश स्तर से इसे अनिवार्य किया गया है। निगम के सभी जोनल कार्यालयों और मुख्यालय के दफ्तरों में इसकी मशीनें लगाई जा चुकी हैं और कुछ दिन से ट्रायल चल रहा है।

दो दिन पहले निगम मुख्यालय पर जोनल कार्यालयों के ऑफिस अधीक्षकों और तकनीकी स्टाफ को इसकी ट्रेनिंग भी दी गई। फेस अटेंडेंस से आउटसोर्स कर्मचारियों को छूट दी गई है। इससे साफ है कि नेताओं के समर्थकों को अब भी बिना काम किए वेतन मिलता रहेगा।

उपस्थिति की प्रक्रिया बदली

मालूम हो, नगर निगम की कार्यप्रणाली में आम बात है कि दफ्तरों में उपस्थिति दिखाने के बाद अधिकारी-कर्मचारी गायब हो जाते हैं। काम के लिए भटकते लोगों को हमेशा एक ही जवाब मिलता है कि साहब अभी दफ्तर में नहीं हैं।

प्रदेश स्तर पर नगर निगम में उपस्थिति की प्रक्रिया बदली गई है और अब कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति चेहरा दिखाने पर ही लगेगी। उनके आने और जाने के समय इस प्रक्रिया का पालन करना होगा। आने-जाने का समय भी तय किया गया है। ताकि सिर्फ एक बार उपस्थिति दर्ज कराने के बाद अधिकारी-कर्मचारी दफ्तर छोड़कर न जा सकें। यदि कोई समय से पहले जाने के लिए अटेंडेंस लगाना चाहेगा तो मशीन काम नहीं करेगी।

दफ्तरों में लग रहीं मशीनें

निगम में जो मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं, वे सिर्फ उसी स्थान पर चलेंगी, जहां की लोकेशन उसमें डाली गई है। ट्रायल के दौरान तकनीकी खामियां दूर की जा रही हैं। आधारबेस नामक एप से इस अटेंडेंस प्रक्रिया को लिंक किया गया है। हर दफ्तर में डाटामिनी नामक मशीन लगाई गई है। प्रक्रिया से लिंक होने के बाद ये मशीन काम करना शुरू कर देगी। उधर, आउटसोर्स कर्मचारियों को फेस अटेंडेंस से छूट का विरोध शुरू हो गया है।

कर्मचारियों ने किया विरोध, क्या हम कमचोर हैं...

सूत्रों ने इंदौर मेरी पहचान को बताया कि अंदर ही अंदर कर्मचारी संगठन के पदाधिकारीयों ने विरोध करना शुरू कर दिया हैं. और कहां कि हमारी जब चाहे, बिना मर्जी कें कई स्थानों पर हमारी सेवाएं ली जाती हैं, ऐसे में उपस्थिति दर्ज कराने जाएं या आदेश का पालन करने के लिए अपने कर्तव्य निभाएं.

उधर, आउटसोर्स कर्मचारियों को फेस अटेंडेंस से छूट का विरोध शुरू हो गया हैं. कई मोर्चो पर आला अफसरों पर गुस्सा फूट रहा हैं कि दौहारी नीति क्यों अपनाई जा रही हैं. आउटसोर्स कर्मचारियों के नाम से लाखों रूपयों का चुना सरकार को लग रहा हैं, अफशाही मौन हैं.

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