दिल्ली
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को अमित शाह से मिली फटकार बच्चों की मौत : कुर्सी आई खतरे में...!
paliwalwani
अथाह भ्रष्टाचार और पूरे प्रदेश में जंगलराज से कुर्सी आई खतरे में...,!
दिल्ली.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने आज फिर अमित शाह से दिल्ली आकर मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि अमित शाह और मोहन यादव की मुलाकात अच्छे माहौल में नहीं हुई है। मुलाकात के बाद मोहन यादव डरे और घबराए हुए नजर आये हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से पिछले दो माह के दौरान पांच बार मिल चुके हैं। अब राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। कई लोगों का मानना है कि मध्य प्रदेश सरकार के कामकाजों पर अमित शाह पूरी तरह नजर रखे हुए हैं।
बार-बार अमित शाह से मिलना कई अलग तरह के संदेश और संकेत तो देता...
मुख्यमंत्री हर बार जाकर मध्य प्रदेश में किए जा रहे नवाचार और अन्य कामों के साथ-साथ अपनी राजनीतिक समस्याओं को भी रखते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि वे अपने आप को लगातार मजबूत बनाए रखने के लिए अमित शाह से विशेष मार्गदर्शन भी प्राप्त करते हैं। जो भी हो, जानकारों का कहना है कि बार-बार अमित शाह से मिलना कई अलग तरह के संदेश और संकेत तो देता ही है।
विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि मोहन यादव की कुर्सी अब खतरे में है। खबर है कि अमित शाह उनसे बहुत नाराज़ हैं, और बिल्कुल भी मोहलत देने को तैयार नहीं हैं। आपको बता दें कि तीन महीने पहले शाह ने उन्हें साफ कहा था कि सरकार की छवि सुधारो, भ्रष्टाचार पर रोक लगाओ और जनता का भरोसा जीतो। लेकिन तीन महीने बाद हालात और बिगड़ गए। मोहन यादव ने सुधरने के बजाय इन महीनों को “आखिरी मौका” मानकर भ्रष्टाचार और अफसरशाही की नई हदें पार कर दीं।
बच्चों की मौत पर सरकार की बेरुखी
ज़हरीली कफ़ सिरप से 21 बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को हिला दिया। जांच और कार्रवाई में भारी देरी हुई। जब बच्चों की जान जा रही थी, तब सरकार बयान देने और जिम्मेदारी टालने में लगी रही। किसी मंत्री ने इस्तीफ़ा नहीं दिया, न मुख्यमंत्री ने कोई सख्त कदम उठाया। इस मामले ने दिल्ली के नेताओं को सबसे ज़्यादा नाराज़ किया है। अमित शाह को मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने पूरे मामले को दबाने की कोशिश की।
तबादला, भर्ती और रिश्वत का खेल
प्रदेश में तबादला और भर्ती घोटालों का बोलबाला है। हर पद पर पैसों का खेल चल रहा है। कहा जा रहा है कि बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता। अमित शाह ने साफ कहा था कि भ्रष्टाचार खत्म करो, लेकिन हुआ उल्टा — शिकायतें और बढ़ गईं। इससे बीजेपी की साख बुरी तरह गिर रही है।





