दिल्ली
बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शांतनु देशपांडे ने मांगी माफी
Paliwalwaniनई दिल्ली : युवाओं को दिन में 18 घंटे काम करने की सलाह देकर सोशल मीडिया पर लोगों के गुस्से का शिकार हुए बॉम्बे शेविंग कंपनी के CEO शांतनु देशपांडे ने अब लिंक्डइन पर एक और पोस्ट करके अपनी पहली पोस्ट के लिए माफी मांगी है. शांतुन ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि लोग उनके अभिभावकों को मैसेज करके कह रहे हैं कि उनका बेटा गुलामों का बॉस है.
गौरतलब है कि शांतनु देशपांडे ने अपनी एक लिंक्डइन पोस्ट में लिखा था कि यदि आप 22 साल के हैं और कंपनी में नई नौकरी है, तो आपको स्वयं को इसमें झोंक देना चाहिए. शांतनु ने आगे लिखा, “अच्छा खाओ और फिट रहो, लेकिन कम से कम 4-5 साल तक दिन में 18 घंटे काम करना जारी रखो. अपने काम की पूजा करो और रोना-धोना मत करो.
वर्क लाइफ बैलेंस, परिवार के साथ समय बिताना महत्वपूर्ण
लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने लिखा कि युवा ऑनलाइन सामग्री से प्रभावित होते हैं और वर्क लाइफ बैलेंस के लिए प्रयास करते हैं. मैंने बहुत-से ऐसे युवाओं को देखा है जो हर जगह रैंडम कंटेंट देखते हैं और खुद को आश्वस्त करते हैं कि वर्क लाइफ बैलेंस, परिवार के साथ समय बिताना महत्वपूर्ण है. शांतुन का कहना था कि यह सब इतना जल्दी करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने लिखा कि अपने करियर के पहले 5 वर्षों में आप जो कुछ पाते हो, वह आपकी बाकि जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.
मेरी पोस्ट से दुख पहुंचा है, मैं उसके लिए माफी मांगता हूं
शांतुन ने एक इंटरव्यू भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा जिस किसी को भी मेरी पोस्ट से दुख पहुंचा है, मैं उसके लिए माफी मांगता हूं. मेरी बात को अत्यंत सूक्ष्मता और सही संदर्भ में देखने की जरूरत है. इस इंटरव्यू में संभवत: मेरी भावनाओं को सही से दिखाया गया है. अगर समय हो तो इसे जरूर देखें.
अपनी इस पोस्ट के बाद देशपांडे सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए. लोगों ने उन्हें जमकर लताड़ लगाई. एक यूजर ने लिखा कि इन्हीं जैसे लोगों की वजह से गुलामों की नई जेनरेशन तैयार होगी जो शांतनु जैसे लोगों को अमीर बनाएगी. कुछ अन्य यूजर्स ने भी उन्हें लताड़ लगाई. विरोध बढ़ता देख अब लिंक्डइन पर ही एक और पोस्ट लिख शांतुन ने माफी मांगी है.
शांतुन ने एक इंटरव्यू भी शेयर किया है. उन्होंने लिखा जिस किसी को भी मेरी पोस्ट से दुख पहुंचा है, मैं उसके लिए माफी मांगता हूं. मेरी बात को अत्यंत सूक्ष्मता और सही संदर्भ में देखने की जरूरत है. इस इंटरव्यू में संभवत: मेरी भावनाओं को सही से दिखाया गया है. अगर समय हो तो इसे जरूर देखें.