दिल्ली

गणि राजेन्द्र विजय की पुस्तक सभ्यता की सुबह का लोकार्पण

संयोजक-सुखी परिवार
गणि राजेन्द्र विजय की पुस्तक सभ्यता की सुबह का लोकार्पण
गणि राजेन्द्र विजय की पुस्तक सभ्यता की सुबह का लोकार्पण

नई दिल्ली। केन्द्रीय उपभोक्ता मामलें, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री रामविलास पासवान ने राष्ट्र के लिए अहिंसा, नैतिकता तथा सामाजिक संवेदनशीलता को सबसे जरूरी बताते हुए कहा कि कोई भी राष्ट्र चाहे किसी भी क्षेत्र में कितनी भी प्रगति क्यों न कर ले वह इन मूल्यों के बिना सही मायने में उन्नति नहीं कर सकता। भगवान महावीर ने हमें अहिंसा एवं शांति का संदेश दिया और उनके बताए मार्ग पर चलकर ही देश वास्तविक उन्नति कर सकता है।
श्री पासवान उपभोक्ता मंत्रालय में प्रख्यात जैन संत एवं सखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजयजी की सन्निधि में आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने भगवान महावीर की जन्म कल्याणक भूमि के समग्र विकास की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्ति अपने स्तर पर सेवा और जन कल्याण की गतिविधियों को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयत्नशील बने। देश में कुछ ऐसे वर्ग हैं जो सेवा और स्वस्थ समाज की स्थापना के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं, जिनमें जैन समाज का योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने शांतिदूत गच्छाधिपति आचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वरजी के दीक्षा के पचासवें वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित संयम स्वर्ण जयंती महोत्सव राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष के रूप में अपने मनोनयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आचार्यजी का समाज और राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। इस राष्ट्रीय समिति के द्वारा आयोजनात्मक गतिविधियों के साथ-साथ प्रयोजनतात्मक गतिविधियां भी संचालित होनी चाहिए जिनमें भगवान महावीर जन्म कल्याणक भूमि पर सेवा और शिक्षा के कुछ विशेष उपक्रम हो सकते हैं। इनमें सरकार भी सहयोग प्रदत्त करेगी।

अहिंसा और नैतिकता के आधार पर ही उन्नति संभव: पासवान

गणि राजेन्द्र विजय की पुस्तक सभ्यता की सुबह का लोकार्पण करते हुए श्री पासवान ने कहा कि आधुनिक जीवन में शारीरिक और भौतिक विकास ही मनुष्य का विकास है। हम आत्मविकास को भूलते जा रहे हैं। भौतिक विकास के साथ-साथ नैतिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों का विकास होगा, तभी संतुलित समाज-निर्माण की अवधारणा मूत्र्त बनेगी। इस दृष्टि से गणि राजेन्द्र विजय का चिंतन उपयोगी है। पुस्तक की पहली प्रति सुखी परिवार फाउंडेशन के राष्ट्रीय संयोजक श्री ललित गर्ग ने श्री पासवान को प्रदत्त करते हुए बताया कि यह गणिजी की उन्नीसवीं पुस्तक हैं, जिसमें उन्होंने सभ्यता और संस्कृति पर मंडरा रहे खतरों की चर्चा करते हुए उसके लिए सबको जागरूक होने के प्रेरक विचार प्रस्तुत कृति में व्यक्त किए हैं। सांसद एवं लोक जनशक्ति के अध्यक्ष चिराग पासवान भी इस मौके पर उपस्थित थे।
इस अवसर पर जैन समाज प्रतिनिधि मंडल के सर्वश्री वल्लभ स्मारक के अध्यक्ष राजकुमार जैन, फरीदाबाद के राजकुमार जैन ओसवाल, नरेन्द्र जैन, युवक संघ के दीपक जैन, नीरज जैन, संजय जैन, त्रिभुवन कुमार जैन, त्रिलोकचंद जैन, अश्विनी जैन, संजीव जैन आदि ने नित्यानंद सूरिजी के दीक्षा के पचासवें वर्ष पर आयोजित संयम स्वर्ण जयंती महोत्सव की जानकारी देते हुए इस हेतु गठित राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष के लिए श्री रामविलास पासवान से अनुरोध किया जिसके लिए स्वीकृति प्रदत्त की। संपूर्ण जैन समाज के प्रतिनिधियों ने खुशी व्यक्त करते हुए श्री पासवान को शाॅल ओढ़ाकर एवं गुलदस्ता भेंट कर सम्मान किया।

अहिंसा की स्थापना के लिए शिक्षा एक सशक्त माध्यम-गणि राजेन्द्र विजय

इस अवसर पर सुखी परिवार अभियान के प्रणेता गणि राजेन्द्र विजय ने महावीर जन्म कल्याणक भूमि में महावीर विश्वविद्यालय की चर्चा करते हुए कहा कि राष्ट्र की एकता, शांति एवं सौहार्द के लिए अहिंसा की प्रतिस्थापना जरूरी है। अहिंसा की स्थापना के लिए शिक्षा एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने स्मार्ट शहर की तर्ज पर स्मार्ट गांव बसाने की आवश्यकता व्यक्त करते हुए अहिंसक ग्राम संपूर्ण जानकारी श्री पासवान को प्रदत्त की। गणि राजेन्द्र विजय ने हिंसा, आतंक और नक्सलवाद को रोकने के लिए सरकारी प्रयत्नों के साथ-साथ गैर-सरकारी प्रयत्नों की जरूरत को उजागर करते हुए कहा कि जहाँ भी इस तरह के प्रयत्न हों शीर्ष राजनीति से जुड़े लोगों को इसमें भागीदारी करनी चाहिए। पालीवाल वाणी को उक्त जानकारी संयोजक-सुखी परिवार फाउंडेशन के श्री ललित गर्ग ने दी।
फोटो परिचय-गणि राजेन्द्र विजय की पुस्तक च्सभ्यता की सुबहज् केन्द्रीय मंत्री श्री रामविलास पासवान लोकार्पित करते हुए।
(ललित गर्ग)

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