छत्तीसगढ़
बीजापुर में 7 नक्सली गिरफ्तार : सुकमा के 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर : बड़ेसट्टी बना पहला नक्सल मुक्त गांव
paliwalwani
छत्तीसगढ़.
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे निर्णायक अभियान को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। राज्य के तीन अलग-अलग नक्सल प्रभावित जिलों नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा में पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सल मोर्चे पर निर्णायक बढ़त हासिल हुई है।
नारायणपुर जिले के कोहकामेटा थाना क्षेत्र में पुलिस ने तीन सक्रिय नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार, ये सभी IED विस्फोटों में शामिल थे और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। पुलिस की सतर्कता और खुफिया जानकारी के आधार पर इन्हें दबोचा गया।
बीजापुर जिले में भी सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। उसूर और जांगला थाना पुलिस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर चार नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से टीफिन बम, बैटरी, वायर और अन्य विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। ये नक्सली क्षेत्र में हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी में थे।
नक्सलियों के खिलाफ सरकार की पुनर्वास नीति भी असर दिखा रही है। सुकमा जिले के बड़ेसट्टी गांव में शुक्रवार को सक्रिय 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की घोषणा की है। आत्मसमर्पण करने वालों में जोनल डॉक्टर, डिप्टी कमांडर, LOS (Local Organisation Squad) सदस्य और जनमिलिशिया के लोग शामिल हैं। इन सभी पर 1 से 2 लाख रुपये तक के इनाम घोषित थे। इस आत्मसमर्पण के बाद बड़ेसट्टी गांव छत्तीसगढ़ का पहला “नक्सल मुक्त गांव” बन गया है।
छत्तीसगढ़ सरकार की “नक्सल मुक्त बस्तर” अभियान और पुनर्वास नीति का सकारात्मक असर अब धरातल पर नजर आने लगा है। सुरक्षा बल जहां एक ओर जंगलों में सक्रिय नक्सलियों को ढेर कर रहे हैं, वहीं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर कई नक्सली हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।