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‘सांप, कुत्तों वाली फिल्में चलती हैं आदमियों की नहीं…गब्बर सिंह यानी अमजद खान के डायलॉग आज भी हर किसी को याद
paliwalwani
हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अमजद खान ‘शोले’ में अपने गब्बर के किरदार के लिए आज भी जाने जाते हैं। फिल्म का निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था और इसमें धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, जया बच्चन, संजीव कुमार, अमजद खान थे। ये एक आइकॉनिक फिल्म थी, जिससे इसके अभिनेता तो मशहूर हुए ही, लेकिन विलेन को भी अलग पहचान मिली। फिल्म में गब्बर सिंह यानी अमजद खान के डायलॉग आज भी हर किसी को याद हैं।
अमजद खान ने इस फिल्म के बाद भी कई दमदार रोल किए, लेकिन उन्हें उतना पसंद नहीं किया या। उनकी कई बेहतरीन फिल्में थीं, जो अच्छी कहानी होने के बावजूद फ्लॉप हो गईं। इस बात से अमजद खान काफी निराश थे और एक इंटरव्यू में उन्होंने नाराजगी भी जाहिर की थी।
आईटीएमबी शोज को दिए एक पुराने इंटरव्यू में अमजद खान ने कहा था कि राज खोसला की उनकी फिल्म, ‘तेरी मांग सितारों से भर दूं’ एक अच्छी फिल्म होने के बावजूद नहीं चली। उस दौर की फिल्मों का जिक्र करते हुए अमजद ने कहा था, “ये कोई नहीं समझ पाया कि कौन सी फिल्म चलती है, कौन सी नहीं। कुत्तों की, घोड़ों की फिल्में चल जातीं हैं। कुत्ते कोर्ट में आकर गवाही देते हैं, चल जाती है फिल्म। सांप उठाकर ट्रांजिस्टर छुपा देता है, कुत्ता वीडियो कैमरा छुपा देता है, फिल्में चल जातीं हैं।”
उन्होंने आगे कहा था, “बड़ी अजीब बात है लेकिन कभी-कभी लोग कहते हैं कि फिल्म और कहानी उसी वक्त सराही जाती है जब लोग उससे खुद को जोड़ते हैं। इससे तो यही निष्कर्ष निकलता है कि लोग आदमियों से खुद को कम और जानवरों से ज्यादा जोड़ते हैं।”
अमजद खान नहीं थे गब्बर के रोल के लिए पहली पसंद
‘शोले’ के लिए अमजद खान, रमेश सिप्पी की पहली पसंद नहीं थे, वो गब्बर के रोल के लिए डैनी डेन्जोंगपा को लेना चाहते थे। डैनी ने फिल्म साइन भी कर दी थी, मगर तभी डैनी ‘धर्मात्मा’ की शूटिंग कर रहे थे और उन्हें अफगानिस्तान जाना पड़ा। डेट्स मैच ना होने के कारण सिप्पी को विलेन के रोल के लिए अमजद को साइन करना पड़ा।
अमजद ने फिल्म के लिए हां कर दिया, मगर ‘शोले’ के अन्य एक्टर्स को लग रहा था कि वो इस रोल के लिए फिट नहीं हैं। मगर अमजद ने सभी को गलत साबित कर दिया और अपने किरदार से हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना नाम दर्ज कर लिया।