भोपाल

जनहित सर्वोपरि : सही तथ्य जाने बिना भ्रमित न हों : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

sunil paliwal-Anil Bagora
जनहित सर्वोपरि : सही तथ्य जाने बिना भ्रमित न हों : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
जनहित सर्वोपरि : सही तथ्य जाने बिना भ्रमित न हों : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

हमारी सरकार जनकल्याण, जनहित और जनभावनाओं का करती है आदर

जनप्रतिनिधियों, शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ विधि वेत्ताओं से विचार-विमर्श

मुख्यमंत्री ने ली आपातकालीन बैठक

भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार जनता के साथ दृढ़ता से खड़ी है। जनता का किसी भी प्रकार अहित हो, यह हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। माननीय न्यायालय के सामने विषय लाएंगे और न्यायालय के आदेश के परिपालन में ही किसी कार्यवाही पर आगे बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नागरिकों से अपील की है कि झूठी अफवाहों पर विश्वास न करें। हम सब जनता के साथ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याणकारी, जनहितैषी तथा जनभावनाओं का आदर करने वाली सरकार है। जनता से अपील है कि किसी भ्रम में न आएं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शुक्रवार देर रात्रि मुख्यमंत्री निवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में यूनियन कार्बाइड के कचरे के परिवहन एवं पीथमपुर के निकट निष्पादन किए जाने के संबंध में वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और शीर्ष प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ ही विधिवेत्ताओं से विचार-विमर्श किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उप मुख्यमंत्रीद्वय श्री जगदीश देवड़ा और श्री राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ सांसद और प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णु दत्त शर्मा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री कैलाश विजयवर्गीय और मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना, प्रमुख सचिव विधि सहित वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यूनियन कार्बाइड के कचरे के विनिष्टीकरण किए जाने संबंधित कार्यों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने वाली सरकार है। हम सदैव जनता के हित को लेकर आगे बढ़े हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के परिपालन में यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर पहुंचाने का परिपालन किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमने न्यायालय की याचिकाओं और आदेशों के तारतम्य में सुरक्षा मापदंडों का परिपालन करते हुए केवल परिवहन किया है। माननीय न्यायालय ने इस कार्य के लिए डेडलाइन दी थी कि 4 जनवरी के पहले-पहले कचरा निर्धारित स्थान पर पहुंचना चाहिए। न्यायालय को 6 जनवरी 2025 तक इसकी रिपोर्ट अपेक्षित थी। इसी परिप्रेक्ष्य में आदेश के परिपालन में यह निर्दिष्ट स्थान पर, जो उनके द्वारा बताया गया था, परिवहन आदेश न्यायालयों द्वारा दिया गया था।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उनके ध्यान में यह बात आयी कि जनभावनाओ के लिए ऐसी परिस्थितियों में जनता तक यह विषय पहुंचना चाहिए। सुरक्षा के मापदंडों पर किसी प्रकार से कोई खतरा या कोई डर का भाव जनता के बीच आया तो राज्य सरकार यह प्रयास करेगी कि माननीय न्यायालय के समक्ष यह विषय प्रस्तुत हो। इसके बाद ही आगामी किसी प्रकार की कार्यवाही की जाए। माननीय न्यायालय जैसा आदेश देगा, हम उसका पालन करने के लिए तत्पर रहेंगे। तब तक आगे नहीं बढ़ेंगे, जब तक न्यायालय कोई निर्देश जारी नहीं करता।

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