भोपाल
मध्य प्रदेश शासन ने आज गणेश चतुर्थी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया
sunil paliwal-Anil Bagora
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भोपाल. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक से पहले बड़े फैसले लिए गए. प्रदेश सरकार ने गणेश चतुर्थी पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है और आगामी नगरीय निकाय चुनावों में अध्यक्ष पद का निर्वाचन अब प्रत्यक्ष प्रणाली से मतदाताओं द्वारा होगा.
मुख्यमंत्री ने स्वदेशी सामग्री से गणेश-नवरात्रि उत्सव मनाने का आह्वान किया और बताया कि उज्जैन में 27 अगस्त 2025 को ग्लोबल स्पिरिचुअल कॉन्क्लेव तथा 29-30 अगस्त 2025 को ग्वालियर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित होंगे.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गणेश चतुर्थी और नवरात्रि के आयोजन में स्वदेशी सामान को प्रोत्साहित किया जाए। मूर्ति निर्माण में मिट्टी और लुगदी को प्राथमिकता दी जाए और पर्यावरण संरक्षण के लिए चुनौती बन रहे प्लास्टर ऑफ पेरिस को हतोत्साहित किया जाए। सार्वजनिक धार्मिक आयोजनों सहित घरों में होने वाले पूजा-पाठ में देश में ही बने वस्त्र और साज-सज्जा की सामग्री का उपयोग हो।
इससे छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहन मिलेगा और हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश एवं आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लक्ष्य की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि गणेश चतुर्थी पर्व का देश की स्वतंत्रता में अहम योगदान हैं। यह सिर्फ धार्मिक नहीं राष्ट्रीय महत्व का त्यौहार हैं। प्रदेश सरकार ने गणेश चतुर्थी के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।
मध्य प्रदेश शासन ने गणेश चतुर्थी पर्व पर 27 अगस्त 2025 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। इससे पहले 27 अगस्त 2025 को ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया था।
मध्य प्रदेश शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव सुभाष कुमार द्विवेदी द्वारा 26 अगस्त को हस्ताक्षरित आदेश में कहा गया है कि 21 सितंबर 2024 के आदेश में आंशिक संशोधन किया गया है। 27 अगस्त 2025 के ऐच्छिक अवकाश के स्थान पर अब श्री गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर संपूर्ण मध्य प्रदेश में सामान्य अवकाश घोषित किया गया है। आदेश की प्रतिया समस्त जिला कलेक्टरों और विभाग प्रमुखों को भेजी गई है.
नगरीय निकायों में अध्यक्ष के चुनाव होगी डायरेक्ट
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया नगरीय निकायों के आगामी आम निर्वाचन, 2027 में अध्यक्ष पद का निर्वाचन प्रत्यक्ष प्रणाली से सीधे मतदाताओं के द्वारा कराया जाएगा। दरअसल नगरीय निकायों में अध्यक्षों के चुनाव इन डायरेक्टर होने पर आर्थिक लेनदेन, अराजकता, अस्थिरता बनी रहीत है। इसलिए आगामी चुनाव प्रत्यक्षप्रणाली से सीधे मतदाताओं द्वारा कराया जाएगा, लेकिन फिलहाल अध्यादेश लाया जाएगा। ताकि अध्यक्ष अच्छी तरह से काम कर सकें।