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दुनिया की तस्वीर इन तकनीकों से बदल जाएगी : भविष्य को मिलेगा एक नया आकार

Paliwalwani
दुनिया की तस्वीर इन तकनीकों से बदल जाएगी : भविष्य को मिलेगा एक नया आकार
दुनिया की तस्वीर इन तकनीकों से बदल जाएगी : भविष्य को मिलेगा एक नया आकार

तकनीक के क्षेत्र में हो रहा विकास इंसानी भविष्य के लिए नई संभावनाओं के रास्तों को खोल रहा है। ट्रांसपोर्टेशन, डाटा, क्वांटम कम्प्यूटिंग से लेकर वर्चुअल रियलिटी के क्षेत्रों में रिसर्च के लिए बिलियंस ऑफ डॉलर्स का निवेश किया जा रहा है। ऐसे में आने वाला भविष्य तकनीकी नजरिए से काफी समृद्ध होने वाला है। महज कुछ सालों के इंतजार के बाद हमें ऐसी कई तकनीकें देखने को मिलेंगी, जो हमारे भविष्य को बदलने का काम करेंगी। इसी कड़ी में आज हम आपको भविष्य की उन तकनीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका व्यापक असर हमारे आने वाले जीवन पर पड़ेगा। आइए जानते हैं इनके बारे में...

इंटरनेट ऑफ थिंग्स

इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीक का वह विकास है, जिसमें कई गैजेट्स को नेटवर्किंग के माध्यम से एक साथ जोड़ा जाएगा। इंटरनेट ऑफ थिंग्स को IOT भी कहा जाता है। इसमें सभी गैजेट्स एक साथ जुड़कर एक दूसरे को डाटा का आदान प्रदान करते हैं, जिससे सभी उपकरणों के बीच एक इंटीग्रेशन आता है।

आईओटी आने के बाद इंसान की जिंदगी काफी आसान हो जाएगी। इसके आने के बाद आप एक डिवाइस को इंटरनेट के साथ कनेक्ट करके दूसरे डिवाइस से भी काम कर सकेंगे। तकनीक के इस विकास से भविष्य में ऐसे स्मार्ट घर होंगे, जिसके भीतर सभी डिवाइस एक दूसरे के साथ कनेक्ट रहेंगे। मान लीजिए आप टीवी और दरवाजे को बंद किए बगैर अपने घर से बाहर चले गए।

इस स्थिति में स्मार्ट घर का जो कम्बाइन आर्टिफिशियल ब्रेन होगा। वह इस चीज को सेंस करके अपने आप घर के दरवाजे और टीवी को बंद कर देगा। इस बात की जानकारी आपके फोन पर भी आ जाएगी। सभी टेक्निकल डिवाइस के बीच जो ये इंटीग्रेशन है। यही इंटरनेट ऑफ थिंग्स है।

क्वांटम कंप्यूटिंग

क्वांटम कंप्यूटिंग एक ऐसी तकनीक है, जिसमें डाटा की प्रोसेसिंग क्वांटम बिट्स पर होती है। जहां आज के क्लासिकल कंप्यूटर 0 और 1 या कहें ऑन और ऑफ स्टेट के आधार पर डाटा प्रोसेस करते है। वहीं क्वांटम कंप्यूटर एक ही समय में दोनों पॉसिबल स्टेट में होता है।

क्वांटम स्टेट में जब पार्टिकल्स को ऑब्जर्व किया जाता है तब वह पार्टिकल फॉर्म में होते हैं। वहीं जब उन्हें ऑब्जर्व नहीं किया जाता तब वे वेव फॉर्म में अपने आप को बदल लेते हैं। पर हकीकत में ये दोनों एक ही समय में वेव भी होते हैं और पार्टिकल भी। जैसे ही हम इनका चुनाव करते हैं ये वेव फंक्शन टूट जाता है और अंत में हमें एक पॉसिबल पार्टिकल स्टेट मिलता है। क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम फिजिक्स के इसी बिहेवियर को सिमुलेट करता है।

हाइपरलूप आने के बाद ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आएगी। आज साउथ एशिया और अफ्रीका के कई देशों में एक जगह से दूसरी जगह जाने में हमारा काफी समय बर्बाद हो जाता है। वहीं हाइपरलूप आने के बाद हजारों किलोमीटर के सफर को महज कुछ घंटो में पूरा किया जा सकेगा। हाइपरलूप एक खास तरह की तकनीक है, जिसमें एक बड़े से वैक्यूम के अंदर बंद कैप्सूल को चलाया जाता है। इस कैप्सूल के भीतर यात्री बैठते हैं। हाइपरलूप की अवधारणा को एलन मस्क ने दुनिया के सामने सबसे पहले रखा था। 

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